उत्तर 24 परगना : जिंदा कारतूसों की तस्करी के प्रयास को विफल करते हुए, दक्षिण बंगाल सीमा के अंतर्गत सीमा चौकी जयंतीपुर, 05वीं वाहिनी के जवानों ने बांग्लादेश से भारत में लाए जा रहे 41 जिंदा कारतूसों (केएफ 7.65 मिमी) के साथ दो तस्करों को पकड़ा। बीएसएफ की तरफ से रविवार को यह जानकारी दी गई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ड्यूटी के दौरान सीमा चौकी जयंतीपुर के जवानों की नजर तारबंदी के दोनों ओर बिखरे पड़े जिंदा कारतूसों पर पड़ी। जवानों ने इलाके की गहन तलाशी ली। तलाशी के दौरान 41 जिंदा (केएफ7.65 मिमी) मिले। जवानों ने आसपास के इलाके की छानबीन की तो वहां कोई भी व्यक्ति दिखाई नहीं दिया। इसके बाद सीमा चौकी जयंतीपुर के इलाके में लगे गुप्त कैमरों की जांच की गयी। कैमरों की जांच में तारबंदी से आगे स्थित गांव– 36 घरिया से तारबंदी की तरफ दो लोगों की आवाजाही देखी गई। बारीकी से जांच करने पर तथा बीएसएफ की खुफिया जानकारी के आधार पर इन तस्करों की पहचान ग्यासुद्दीन मंडल, और मोहम्मद नजीर हुसैन मुल्ला रूप में की गई। इसके बाद बीएसएफ के खोजी दल ने ग्यासुद्दीन मंडल को उसके घर के पास से पकड़ा और घटना के बारे में पूछताछ की। उसने पूछताछ में स्वीकार किया कि गत 15 जुलाई, 2023 की शाम को वह मोहम्मद नज़ीर हुसैन मुल्ला के साथ तारबंदी के पास उक्त घटना में शामिल था। उसने बताया कि मुल्ला के इशारे पर वह किसान के भेष में उस इलाके में बीएसएफ जवानों की हलचल पर लगातार नजर बनाए हुए था। उसने यह भी बताया कि जवानों को गुमराह करने के लिए उसने तारबंदी के पास जाकर घास काटने का नाटक भी किया। इस बीच, मुल्ला भी जिंदा कारतूसों को एक प्लास्टिक की थैली में भरकर तारबंदी के पास आया और तारबंदी से पार करने लगा। दरअसल, ऐसा करते समय थैली तारबंदी में फंसकर फट गई जिसकी वजह से सभी जिंदा राउंड तारबंदी के दोनों ओर बिखर गए। यह देखकर वे दोनों बीएसएफ जवानों के आने के डर से घबरा गए और वापस अपने गांव की तरफ भाग गए। उसने ये भी बताया कि उन्होंने कारतूसों को इकट्ठा करने कि भी कोशिश की लेकिन बीएसएफ के जवानों को देखकर उन्होंने वहां से निकलने कि तरकीब सूझी। इसके अलावा, मंडल के खुलासे पर, बीएसएफ के खोजी दल ने मुल्ला को भी उसके घर के पास से दबोचा। गहन पूछताछ में उन्होंने इस घटना में शामिल होने की बात स्वीकार कर ली है।
पकड़े गए तस्करों और जब्त किए गए सामान को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए थाना पेट्रापोल को सौंपा जा रहा है।
बीएसएफ, दक्षिण बंगाल सीमांत के जनसंपर्क अधिकारी ने रविवार को बताया कि भारत-बांग्लादेश सीमा पर तस्करी रोकने के लिए बीएसएफ सख्त कदम उठा रही है। इसके चलते ऐसे अपराधों में शामिल लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। आगे अधिकारी ने बताया कि पुलिस के सहयोग से भी पकड़े गए तस्करों से लगातार यह पूछताछ कि जा रही है कि ये जिंदा कारतूस वो किसको सौंपना चाहते थे और वे आगे किस तरह की कार्रवाई को अंजाम देने की कोशिश करने वाले थे।