कोलकाता : पश्चिम बंगाल की आसनसोल संसदीय सीट पर होने वाले उपचुनाव में राज्य की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस इस सीट पर पहली जीत दर्ज करने को बेताब नजर आ रही है। तृणमूल सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपनी पार्टी को राज्य के महत्वपूर्ण औद्योगिक और कोयलांचल बेल्ट में जीत दिला कर हिंदी भाषी बहुल इस क्षेत्र में पार्टी का प्रभाव विस्तार करने को उत्सुक हैं। इसके लिये हर तरह की रणनीति अपनाई जा रही है ताकि आसनसोल के मतदाताओं को तृणमूल के पक्ष में लामबंद किया जा सके।
दरअसल पिछले कुछ चुनावों में बंगाल में चौतरफा जीत हासिल करने वाली तृणमूल अब तक आसनसोल संसदीय सीट पर जीत हासिल नहीं कर पाई है। यही वजह है कि पार्टी चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंक रही है। आगामी 10 अप्रैल को प्रचार के आखिरी दिन ममता आसनसोल में एक मेगा रैली करेंगी। उससे एक दिन पहले, उनके भतीजे और तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी आसनसोल में तीन किलोमीटर लंबा रोड शो करने वाले हैं।
आसनसोल लोकसभा सीट के इतिहास पर नजर डालें तो 1957 से 1967 तक यह सीट कांग्रेस के कब्जे में रही थी। 1967 में यहां संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी ने जीत हासिल की। हालांकि 1971 में माकपा ने इस सीट पर कब्जा कर लिया 1980 तक यह सीट उसी के कब्जे में रही। 1980 में एक बार फिर आसनसोल संसदीय सीट कांग्रेस के पाले में चली गई। हालांकि 1989 में माकपा ने कांग्रेस से यह सीट छीन ली और 2014 तक अपना वर्चस्व कायम रखा। 2014 के आम चुनाव में पहली बार भाजपा ने आसनसोल सीट पर ऐतिहासिक जीत हासिल की।
भाजपा उम्मीदवार के तौर पर बाबुल सुप्रियो लगातार दो बार (2014 एवं 2019) आसनसोल से सांसद चुने गये और केंद्र की मोदी सरकार में मंत्री बनाये गये। हालांकि 2021 के बंगाल विधानसभा चुनाव में कोलकाता की टालीगंज सीट से भाजपा उम्मीदवार के तौर पर बाबुल सुप्रियो को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। इसके कुछ ही समय बाद उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल से हटा दिया गया। मंत्री पद खोने के बाद सुप्रियो ने भाजपा छोड़ दी और तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए। उनके इस्तीफे की वजह से ही यहां उपचुनाव कराने की नौबत आ पड़ी।
तृणमूल ने आसनसोल से बॉलीवुड अभिनेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शत्रुघ्न सिन्हा को मैदान में उतारा है। वहीं भाजपा ने फैशन डिजाइनर से राजनेता बनीं अग्निमित्रा पॉल को टिकट दिया है, जो आसनसोल (दक्षिण) विधानसभा क्षेत्र से भाजपा की विधायक हैं। दूसरी तरफ माकपा की ओर से पार्थ मुखर्जी भाग्य आजमा रहे हैं। उपचुनाव के लिये मतदान 12 अप्रैल को होना है जबकि मतगणना 16 अप्रैल को होगी। शत्रुघ्न सिन्हा जैसे हैवीवेट उम्मीदवार को उतार कर तृणमूल पहली बार आसनसोल सीट पर जीतने हासिल करने को लेकर काफी हद तक आश्वस्त नजर आ रही है।