कोलकाता : कलकत्ता हाई कोर्ट की एकल न्यायाधीश पीठ ने बुधवार को निलंबित युवा तृणमूल कांग्रेस नेता कुंतल घोष को स्कूल नौकरी घोटाले से जुड़े मामले में सशर्त जमानत दे दी। इस मामले में उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जनवरी 2023 में गिरफ्तार किया था।
न्यायमूर्ति सुव्र घोष की पीठ ने ईडी द्वारा दर्ज मामले में कुंतल घोष को जमानत दी। हालांकि, सीबीआई द्वारा इसी मामले में दर्ज एक अन्य केस में उनकी जमानत याचिका लंबित होने के कारण वह जेल से बाहर नहीं आ सकेंगे।
जमानत के साथ, न्यायालय ने कुंतल को अपना पासपोर्ट और मोबाइल नंबर जमा करने का निर्देश दिया। यह भी कहा गया कि वह मोबाइल नंबर नहीं बदल सकते। इसके अलावा, उन्हें निचली अदालत में होने वाली सुनवाइयों में नियमित रूप से उपस्थित रहने और गवाहों को प्रभावित करने से दूर रहने का निर्देश दिया गया।
कुंतल ने पहले इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, लेकिन शीर्ष अदालत ने इसे वापस कलकत्ता हाई कोर्ट भेज दिया।
पिछले सप्ताह ईडी ने कोर्ट को बताया था कि कुंतल घोष की गिरफ्तारी के बाद भी उनके बैंक खाते में बड़ी धनराशि जमा हुई। ईडी के अनुसार, गिरफ्तारी के कुछ ही दिनों बाद उनके खाते में 1.5 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जमा की गई।
तृणमूल के पूर्व युवा नेता कुंतल घोष पर आरोप है कि उन्होंने राज्य के विभिन्न सरकारी स्कूलों में शिक्षण और गैर-शिक्षण पदों पर अवैध नियुक्तियों के लिए 19 करोड़ रुपये से अधिक की राशि अवैध रूप से वसूली। गिरफ्तारी के कुछ दिनों बाद तृणमूल ने उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया।
न्यायालय ने इस मामले में जमानत का निर्णय पिछले सप्ताह सुरक्षित रखा था, जिसे बुधवार को सुनाया गया।