कोलकाता : कलकत्ता हाई कोर्ट ने वाम युवा नेता कलतान दासगुप्ता की गिरफ्तारी को लेकर राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। मामले की अगली सुनवाई गुरुवार सुबह 10.30 बजे होगी।
जूनियर डॉक्टरों पर हमले की साजिश से जुड़ी एक फोन कॉल की ऑडियो क्लिप सामने आई थी, जिसके बाद पुलिस ने स्वतः संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया था। इसी मामले में पहले संजीव नामक एक व्यक्ति और फिर बाद में कलतान को गिरफ्तार किया गया था। कलतान की गिरफ्तारी को चुनौती देने और उनकी जमानत की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर बुधवार को हाई कोर्ट में सुनवायी हुई। कलतान के वकील विकास रंजन भट्टाचार्य ने कहा कि फोन कॉल पर सिर्फ शक के आधार पर पुलिस ने यह कदम उठाया है। इससे पहले शुक्रवार को तृणमूल नेता कुणाल घोष ने यह ऑडियो क्लिप सार्वजनिक की थी, जिसके बाद पुलिस ने स्वतः संज्ञान लेकर मामला दर्ज किया। सबसे पहले संजीव नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था और बाद में शनिवार सुबह कलतान को गिरफ्तार किया गया।
सरकारी वकील ने कोर्ट में कहा कि दोनों आरोपितों को एक ही आरोप के आधार पर गिरफ्तार किया गया है। वकील विकास रंजन ने तर्क दिया कि पुलिस ने संजीव को गिरफ्तार करने के बाद उससे पूछताछ की और उसी पूछताछ के आधार पर कलतान का नाम सामने आया लेकिन उन्होंने सवाल उठाया कि क्या संजीव से पूछताछ से पहले ही एफआईआर में कलतान का नाम शामिल था। इस पर विकास ने कहा कि जिस अपराध के लिए कलतान को गिरफ्तार किया गया, उसमें अधिकतम सजा तीन साल की है और इसके लिए 41(ए) नोटिस की जरूरत थी, जो कि इस मामले में नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि कलतान को अवैध रूप से गिरफ्तार किया गया है और उन्हें जमानत दी जाए।
सरकारी वकील ने दलील दी कि पुलिस को हर बार 41(ए) नोटिस देने की आवश्यकता नहीं होती, विशेषकर संदेहास्पद मामलों में। इस मामले में एक बड़ी साजिश की आशंका है। पुलिस ने संजीव की कॉल रिकॉर्ड से कलतान का फोन नंबर हासिल किया था और उसी आधार पर उसे गिरफ्तार किया गया। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से कलतान की गिरफ्तारी के बारे में विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।