– उत्तर पुस्तिका प्रकाशन में पारदर्शिता नहीं बरतने को लेकर कोर्ट ने जताई नाराजगी
कोलकाता : कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) ने नौवीं और दसवीं श्रेणी के 952 उम्मीदवारों की उत्तर पुस्तिका प्रकाशन में पारदर्शिता नहीं बरती है जिसे लेकर न्यायमूर्ति अभिजीत गांगुली ने गुरुवार को तीखी नाराजगी जताई। उन्होंने एसएससी के सचिव को हाई कोर्ट में तलब किया है।
दरअसल, 14 दिसंबर को ही न्यायमूर्ति गांगुली ने इन सभी परीक्षार्थियों की ओएमआर शीट को वेबसाइट पर डालने का आदेश दिया था। उन्होंने इसे सार्वजनिक तौर पर डालने का आदेश दिया था लेकिन एसएससी ने जो उत्तर पुस्तिका प्रकाशित की है उसे देखने के लिए परीक्षार्थियों को अपना रोल नंबर और जन्मदिन डालना होगा। ऐसे में केवल परीक्षार्थी ही अपनी उत्तर पुस्तिका देख सकेंगे, जो सर्वसाधारण के लिए उपलब्ध नहीं है। इसे लेकर न्यायाधीश ने तीखी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि एसएससी की भूमिका से कोर्ट पूरी तरह से असंतुष्ट है।
नाराजगी जाहिर करते हुए न्यायमूर्ति ने कहा, ‘कोर्ट के आदेश के बावजूद स्कूल सेवा आयोग के काम को देखकर हैरान हूं। ओएमआर शीट जारी करने को कहा था। उम्मीदवार को रोल नंबर और जन्म तिथि क्यों देनी हेगी, यह घालमेल क्यों है? इस भ्रष्टाचार को जनता के सामने लाने की जरूरत है। आयोग अभी भी चीजों को छिपा रहा है।’
आयोग के वकील को जस्टिस गांगुली ने कहा कि कोर्ट के आदेश के बावजूद पारदर्शिता क्यों नहीं है, कोर्ट आपकी भूमिका से बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं है। इस संदर्भ में स्कूल सेवा आयोग के वकील का तर्क है कि वेबसाइट में यांत्रिक समस्या है। अभी सभी ओएमआर शीट अपलोड नहीं हुई हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि गुरुवार को ही सब कुछ पूरा कर लिया जाएगा।