आसनसोल : आसनसोल की विशेष सीबीआई अदालत ने मवेशी तस्करी मामले में गिरफ्तार तृणमूल नेता अनुब्रत मंडल के अंगरक्षक सहगल हुसैन को 14 दिन की जेल हिरासत में भेजने का आदेश दिया है। न्यायाधीश राजेश चक्रवर्ती ने गुरुवार को यह आदेश दिया। सुनवाई की अगली तारीख इसी महीने की 15 तारीख मुकर्रर की गई है।
दरअसल आसनसोल कोर्ट के वकील दिनकर व्यास के निधन के बाद गुरुवार को शोक दिवस मनाया गया। इसलिए सायगल के वकील सुनवाई में अनुपस्थित रहे। लेकिन सीबीआई ने गुरुवार को ही गौ तस्करी मामले के कई दस्तावेज न्यायाधीश को दिए। इसके बाद मामले की अगली सुनवाई 15 सितंबर को मुकर्रर कर दी गई।
गुरुवार को एक तरफ जहां अनुब्रत आसनसोल जेल से विधाननगर विशेष अदालत के लिए रवाना हुए, वहीं दूसरी तरफ सायगल को आसनसोल की सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया गया। न्यायाधीश राजेश चक्रवर्ती ने उन्हें और 14 दिनों के लिए जेल की हिरासत में रखने का आदेश दिया।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी मवेशी तस्करी मामले में सायगल की जमानत खारिज हो गई थी। सायगल की जमानत याचिका अनुब्रत मंडल की गिरफ्तारी तक लंबित थी। 18 अगस्त को आसनसोल सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश राजेश चक्रवर्ती ने दोनों पक्षों के वकीलों की दलील सुनी।
सायगल के वकील अनिर्बान गुहा ने जमानत की गुहार लगाई। वकील ने गुहार लगाई कि सायगल की बूढ़ी माँ घर में है। शारीरिक रूप से अक्षम बेटी है, कोई आदमी नहीं है। उसकी पत्नी को अकेले ही सबकुछ करना पड़ता है।
वकील के मुताबिक सायगल के फोन को प्रक्रिया के तहत जांच के लिए सेंट्रल फोरेंसिक लैब में नहीं भेजा गया था। उस वक्त सीबीआई के जांच अधिकारी ने सायगल के फोन को जांच के लिए लैब में भेजने की बात कही थी। तब सायगल के वकील ने उनका विरोध किया था। इसके बावजूद सायगल हुसैन को मवेशी तस्करी मामले में जमानत नहीं मिली थी।