कोलकाता : करोड़ों रुपये के मवेशी तस्करी घोटाले में पूछताछ के लिए तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता अनुब्रत मंडल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा नयी दिल्ली ले जाने में सफलता मिलने के बाद सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस खामोश हो गई है।
मंडल के मंगलवार की शाम नयी दिल्ली रवाना होने तक तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने इस घटनाक्रम पर टिप्पणी करने से परहेज किया और दावा किया कि चूंकि मामला अदालत के आदेश के बाद शुरू किया गया था, इसलिए नेतृत्व के पास कोई टिप्पणी नहीं है।
राज्य के नगरपालिका मामलों और शहरी विकास मंत्री और कोलकाता नगर निगम के मेयर फिरहाद हकीम की ओर से केवल एक हल्की प्रतिक्रिया मिली थी।
“चूंकि यह एक अदालती मामला है, मैं कानूनी बारीकियों पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा। लेकिन मैं इतना ही कह सकता हूं कि हमें न्यायिक प्रणाली पर पूरा भरोसा है। मुझे इस बात का भी भरोसा है कि एजेंसी का शासन चल रहा है।”
गौरतलब है कि मंगलवार से इस मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से एक भी टिप्पणी नहीं की गई है, हालांकि वह उनमें से एक थीं, जिन्होंने पिछले साल अगस्त में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद से अपनी पार्टी के बीरभूम जिला अध्यक्ष का मुखर समर्थन किया था।
भाजपा के राष्ट्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी प्रकोष्ठ के प्रमुख और पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई के सह-प्रभारी अमित मालवीय ने एक ट्विटर संदेश जारी कर दावा किया है कि यह घटनाक्रम इस बात का संकेत है कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के शासन के अंत के संकेत दिखने लगे हैं। “ममता बनर्जी के खूंखार अपराधी और दाहिने हाथ अनुब्रत मंडल को दिल्ली स्थानांतरित कर दिया गया है। वह उसे नहीं बचा सकीं। कई अपराधों के लिए उसकी जांच की जा रही है। वह उनके संरक्षण में फला-फूला।’’
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पार्टी सांसद दिलीप घोष ने कहा कि मंडल के दिल्ली ले जाने की घटना तृणमूल कांग्रेस के कई अन्य नेताओं के बुरे दिनों की शुरुआत है। घोष ने कहा, “अपने गृह क्षेत्र में मंडल घोटाले से संबंधित बहुत सारी जानकारी का खुलासा नहीं कर रहा था, जिसे वह अब प्रकट करने के लिए मजबूर होगा। तृणमूल कांग्रेस के कई और नेताओं के लिए बुरे दिन आने वाले हैं।”