कोलकाता : केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कोलकाता स्थित राज्य संचालित आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में करोड़ों रुपये के वित्तीय घोटाले की जांच में अहम सुराग हासिल किए हैं। इस मामले में आरोपित अस्पताल के हाउस स्टाफ आशीष पांडे पर जांच एजेंसी ने संदेह बढ़ा दिया है।
एक अधिकारी के मुताबिक, आशीष पांडे पूर्व प्रधानाचार्य संदीप घोष के बेहद करीबी माने जाते थे। बताया जा रहा है कि पांडे ने घोटाले में बिचौलिए की भूमिका निभाई और ठेकेदारों तथा संदीप घोष के बीच अवैध धन के लेनदेन में मध्यस्थ बने। इसके अलावा, पांडे ने घोष और प्रशासन तथा राजनीति में प्रभावशाली व्यक्तियों के बीच संपर्क का काम किया, जो इस घोटाले के लाभार्थी थे।
जांच अधिकारियों के अनुसार, संदीप घोष के साथ उनके नजदीकी संबंध के कारण पांडे को अस्पताल परिसर में कई अनियंत्रित अधिकार मिले हुए थे। वहीं, उनके शैक्षिक प्रमाणपत्रों पर भी अब जांच एजेंसियां सवाल उठा रही हैं। कई जूनियर डॉक्टरों ने भी यह सवाल उठाया है कि पांडे किस तरह बिना नियुक्ति प्रक्रिया के हाउस स्टाफ बने।
संदीप घोष और आशीष पांडे दोनों को इस मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। इसके साथ ही सीबीआई द्वारा अगस्त में आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज परिसर में एक महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले में भी संदीप घोष की भूमिका की जांच की जा रही है।
सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) दोनों इस वित्तीय अनियमितताओं के मामले की जांच कर रहे हैं। अधिकारियों के अनुमान के अनुसार, इस घोटाले की कुल राशि 200 करोड़ रुपये से भी अधिक हो सकती है।