कोलकाता : पश्चिम बंगाल में स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) के जरिए शिक्षकों की नियुक्ति में हुई बड़े पैमाने पर धांधली के मामले की जांच कर रहे केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की टीम ने सलाहकार समिति के सदस्यों की संपत्ति का ब्यौरा खंगालना शुरू कर दिया है।
मुख्य सलाहकार और तत्कालीन शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी के करीबी रहे शांति प्रसाद सिन्हा से केंद्रीय एजेंसी की टीम ने लगातार तीन दिनों तक पूछताछ की है। इसके बाद उनकी संपत्ति का हिसाब मांगा गया है। इसके अलावा सलाहकार समिति के एक अन्य सदस्य और पार्थ चटर्जी के ओएसडी रहे समरजीत आचार्य, कल्याणमय गांगुली, राय सौमित्र सरकार और अशोक साहा की संपत्ति का ब्यौरा मांगा गया है। खंडपीठ द्वारा सीबीआई जांच के आदेश से पहले पूर्व न्यायाधीश अशोक कुमार बाग की अध्यक्षता में गठित समिति ने इन सभी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की थी।
दावा है कि हजार से अधिक लोगों को गैर कानूनी तौर पर शिक्षक के तौर पर नियुक्त कर इन लोगों ने करोड़ों रुपये की धनराशि घूस के तौर पर ली है इसीलिए संपत्ति का हिसाब देखा जा रहा है। शनिवार को ही सीबीआई ने इन सभी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की।