कोलकाता : सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद राज्य के बहुचर्चित शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार के सिलसिले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा है। उन्हें मंगलवार की सुबह निजाम पैलेस स्थित केंद्रीय एजेंसी के दफ्तर में पूछताछ के लिए आने को कहा गया है। सुप्रीम कोर्ट ने आज ही कलकत्ता हाई कोर्ट के उस फैसले पर रोक लगाई है, जिसमें अभिषेक बनर्जी से पूछताछ की अनुमति केंद्रीय एजेंसियों को दी गई थी।
In its desperation to ‘harass’ and ‘target’ me, BJP EXPOSES CBI & ED to CONTEMPT OF COURT!
SC stayed the Calcutta HC’s order in the morn that granted permission to the Central Agencies to summon me.
Yet, the ‘SUMMON’ was HAND-DELIVERED today at 1:45 pm
Grave State of affairs! pic.twitter.com/p7wVT4Eycq
— Abhishek Banerjee (@abhishekaitc) April 17, 2023
सीबीआई के सूत्रों ने बताया है कि आज दोपहर 1:30 बजे के करीब ई-मेल के मार्फत यह नोटिस भेजा गया है। इसमें अभिषेक बनर्जी को 18 अप्रैल को केंद्रीय एजेंसी के कोलकाता दफ्तर में पूछताछ के लिए तलब किया गया है। दरअसल, कलकत्ता हाईकोर्ट ने 13 अप्रैल को सीबीआई और ईडी को अभिषेक बनर्जी से पूछताछ की इजाजत दी थी। हाईकोर्ट के इस फैसले को अभिषेक बनर्जी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने आज ही कलकत्ता हाई कोर्ट के इस फैसले पर रोक लगाकर 24 अप्रैल को मामले की अगली सुनवाई के लिए तारीख तय की है।
दरअसल, 29 मार्च को शहीद मीनार में एक जनसभा के दौरान अभिषेक बनर्जी ने दावा किया था कि सारदा चिटफंड मामले में गिरफ्तार तृणमूल नेता कुंतल घोष और मदन मित्रा पर मेरा नाम लेने के लिए दबाव बनाया गया था। इसके बाद नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार कुंतल घोष ने उनके बयान के अगले ही दिन दावा किया कि केंद्रीय एजेंसियां उन पर अभिषेक का नाम नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में लेने के लिए दबाव बना रही हैं। इसके बाद कुंतल ने अलीपुर कोर्ट के जज को इस संबंध में पत्र भी लिखा था और जेल अधीक्षक के जरिए यह पत्र स्थानीय हेस्टिंग्स थाने में भी भेजा गया था, जिसके आधार पर पुलिस ने केंद्रीय एजेंसियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
इस मामले में केंद्रीय एजेंसियों ने हाईकोर्ट का रुख करके दावा किया था कि कुंतल घोष पर इस तरह का बयान देने के लिए दबाव बनाया जा रहा है, ताकि केंद्रीय एजेंसियों को बदनाम किया जा सके। इसी मामले में हाई कोर्ट के न्यायाधीश अभिजीत गांगुली ने कहा था कि जेल में कुंतल से मिलने वालों की पूरी सूची कोर्ट में जमा दी जाए, सीसीटीवी फुटेज संरक्षित रखा जाए और केंद्रीय एजेंसी चाहें तो अभिषेक और कुंतल से इस मामले में पूछताछ कर सकती हैं।