कोलकाता : पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार और केंद्र के बीच 100 दिनों की रोजगार गारंटी मनरेगा योजना के फंड को लेकर तनातनी है। इस बीच केंद्र सरकार ने सर्व शिक्षा मिशन के लिए राज्य सरकार को एक हजार करोड़ रुपये दिए हैं। शनिवार को इसकी पुष्टि करते हुए राज्य वित्त विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक शिक्षा को विकसित करने और अधिक से अधिक बच्चों को स्कूली शिक्षा की ओर अग्रसर करने के मद में इस राशि का इस्तेमाल किया जाएगा।
उक्त अधिकारी ने बताया कि पिछले पांच महीने से शिक्षा मद में मिलने वाली राशि नहीं मिली थी और कुल मिलाकर 950 करोड़ रुपये बकाए थे। अब केंद्र से ये रुपये मिले हैं तो इससे जुड़ी परियोजनाओं को मूर्त रूप दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि सर्व शिक्षा मिशन परियोजना के तहत खर्च होने वाली राशि का 60 फ़ीसदी केंद्र सरकार देती है जबकि बाकी का 40 फ़ीसदी राज्य सरकार वहन करती है। इसके तहत विद्यालयों की कक्षाओं का निर्माण, नवीन भवनों का निर्माण, आदर्श विद्यालयों का निर्माण सहित इंफ्रास्ट्रक्चर से संबंधित कई विकास कार्य किए जाते हैं।
सचिवालय सूत्रों ने बताया है कि केंद्र की ओर से यह राशि मिलने के बाद राज्य और केंद्र के बीच जारी तनाव कुछ कम हुआ है। अगले हफ्ते राज्य के पंचायत मंत्री और केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री के बीच दिल्ली में एक बैठक भी होनी है जिसमें मनरेगा के रुके हुए फंड के रिलीज करवाने पर चर्चा होगी। उसके पहले राज्य सरकार ने जॉब कार्ड धारक लोगों को 100 दिनों की रोजगार गारंटी योजना में काम देने की निर्देशिका भी जारी कर दी है।