नयी दिल्ली : केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने बुधवार को भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) से पश्चिम बंगाल में पीएम पोषण योजना के कार्यान्वयन का विशेष ऑडिट कराने का आग्रह किया है।
मंत्रालय ने कहा कि उसे पश्चिम बंगाल में पीएम पोषण योजना के तहत धन के कथित दुरुपयोग के बारे में रिपोर्ट प्राप्त हुई थीं। इसमें कहा गया है कि मीडिया में योजना के कार्यान्वयन में विचलन के उदाहरण भी सामने आए हैं। इसके मद्देनजर शिक्षा मंत्रालय ने कैग के कार्यालय से आग्रह किया है कि पिछले तीन वित्तीय वर्षों में पश्चिम बंगाल में पीएम पोषण योजना के कार्यान्वयन का विशेष लेखा-परीक्षण किया जाये। इस लेखा-परीक्षण में अनुपालन, प्रदर्शन और वित्तीय लेखा-परीक्षण शामिल होगा।
उल्लेखनीय है कि कैग के कार्यालय को भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कर्तव्य, शक्ति और सेवा की शर्तें) अधिनियम, 1971 (1971 का अधिनियम सं. 56) की धारा 23 के क्रम में लेखा और लेखापरीक्षा (संशोधन) विनियम, 2020 के तहत यह लेखा-परीक्षण करने का अधिकार है।
मंत्रालय ने कहा कि कैग ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर आवश्यक सुधारात्मक कार्रवाई की जाएगी। स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग पीएम पोषण योजना को संचालित करता है। राज्यों द्वारा दिये गये प्रस्तावों के आधार पर उन्हें जो धनराशि प्रदान की जाती है, उसे मद्देनजर रखते हुए योजना के तहत पहली से आठवीं कक्षा तथा बालवाटिका के पात्र बच्चों को एक समय का पका हुआ गर्म भोजन दिया जाता है।
शिक्षा मंत्रालय के अनुसार पीएम पोषण योजना से देश के सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले लगभग 11 करोड़ 80 लाख बच्चों को लाभ मिल रहा है।