कोलकाता : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने निलंबित तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां की आय के हरेक स्रोतों को जांच के दायरे में लाया है। अवैध भूमि हड़पने, मत्स्य पालन और मछली निर्यात के अलावा जिस किसी भी अन्य जरिए से शाहजहां की आमदनी हुई है उन सभी की जानकारी जुटाई जा रही है।
सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय एजेंसी को जानकारी मिली है कि कथित आय स्रोतों से प्राप्त धन अवैध भूमि अधिग्रहण, मत्स्य पालन और मछली निर्यात से प्राप्त धन की तुलना में बहुत कम है। शाहजहां और उसके सहयोगियों के खजाने में करोड़ों की राशि आई है। कोई ऐसी संपत्तियों हैं जिनकी आय के स्रोत के बारे में जानकारी अभी साफ नहीं है। सूत्रों के अनुसार, इस संबद्ध आय का एक प्रमुख स्रोत उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में स्थानीय दुकानदारों से प्राप्त किराया था, जो शाहजहां के स्वामित्व वाली भूमि पर अपना व्यवसाय चला रहे थे। ईडी अधिकारियों ने क्रॉस-चेक किया है कि किराए के पैसे का लेनदेन अनियमित रहा है क्योंकि किराए का भुगतान नकद में किया जाता था और वह भी बिना किसी रसीद के। किराए के अलावा, शाहजहां के सहयोगी सभी शो-मालिकों से सुरक्षा राशि के रूप में प्रतिदिन छोटी राशि एकत्र करते थे। हालांकि शो-मालिकों से एकत्र की जाने वाली दैनिक राशि नाममात्र थी, लेकिन अंत में इन स्रोतों से प्राप्त होने वाली राशि पर्याप्त थी।
सूत्रों के अनुसार, संबद्ध आय का तीसरा स्रोत संदेशखाली में राज्य सरकार के ठेके थे, जिन्हें शाहजहां ने मंत्रिमंडल में अपने प्रभाव के कारण हासिल किया था। इसके अलावा राज्य में करोड़ों रुपये के राशन वितरण मामले में लाभ का हिस्सा इस संबद्ध आय का एक और महत्वपूर्ण स्रोत था। शाहजहां को पूर्व खाद्य एवं आपूर्ति और वन मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक का बेहद करीबी विश्वासपात्र माना जाता था, जो वर्तमान में राशन वितरण मामले में जेल में हैं। ईडी ने 27 मई को कोलकाता की एक विशेष पीएमएलए अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया, जिसमें केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने शाहजहां पर संदेशखाली में अवैध रूप से जमीन हड़प कर 261 करोड़ रुपये एकत्र करने का आरोप लगाया। ईडी के वकील ने अदालत को बताया कि केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने संदेशखाली में शाहजहां द्वारा अवैध रूप से हड़पी गई 180 बीघा (59.5 एकड़) जमीन की पहचान की है। शाहजहां के अलावा, उसके भाई शेख आलमगीर और उसके करीबी सहयोगी दीदार बक्स मोल्ला और शिव प्रसाद हाजरा को आरोप पत्र में आरोपी बनाया गया है। ईडी ने अब तक शाहजहां की 27 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है।
उल्लेखनीय है कि शेख शाहजहां को प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों पर हमला करने के आरोप में 28 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था।