कोलकाता : पश्चिम बंगाल में आसन्न पंचायत और लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र और राज्य सरकार के बीच टकराव बढ़ गया है। केंद्र सरकार ने ममता सरकार को एक पत्र भेजकर दावा किया है कि केंद्र का पैसा राज्य के पास बकाया है। केंद्र ने अपने मूल राशि पर ब्याज जोड़कर एक पत्र राज्य के मुख्य सचिव को भेजा है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक लिखित संदेश में कहा है कि बकाया के कारण मूल राशि पर जुर्माना लगाया गया है। परिणामस्वरूप अब तक करीब 1852 करोड़ रुपये का निस्तारण होना बाकी है।
चुनाव, कानून व्यवस्था सहित कई कारणों से केंद्रीय बलों को राज्यों में तैनात किया जाता है। लगभग सभी मामलों में, केंद्र राज्यों से बलों के लिए एक निश्चित राशि की मांग करता है। सूत्रों के मुताबिक मंत्रालय की ओर से राज्य प्रशासन के आला अधिकारी को भेजे गए पत्र में लिखा गया है कि पिछले साल 30 जून तक राज्य पर करीब 1806 करोड़ बकाया है। पिछले साल एक अक्टूबर से 31 दिसम्बर तक करीब 21 करोड़ रुपये भी बकाया थे।
मंत्रालय के नियमों के मुताबिक, इस क्षेत्र में 90 दिनों के भीतर भुगतान न करने पर 2.5 फीसदी की दर से जुर्माना लगाया जाता है। अब करीब 44 करोड़ रुपये अतिरिक्त देने होंगे। कुल मिलाकर राज्य को करीब 1852 करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा।
दरअसल, जब भी चुनाव होता है तो राष्ट्रीय चुनाव आयोग की सिफारिश पर केंद्रीय बल राज्य में आते हैं। बंगाल में पिछले कुछ चुनावों में बड़ी संख्या में बल भेजे गए थे।
प्रशासनिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल केंद्रीय जांच एजेंसियों पर राजनीतिक उद्देश्यों के लिए उनका इस्तेमाल करने का आरोप लगाती रही है। वे चुनाव के समय भी बीएसएफ या सीआरपीएफ पर भी इसी उद्देश्य के लिए इसका इस्तेमाल करने का आरोप लगाती हैं। इस बीच जब केंद्र सरकार ने राज्य को पत्र भेजा है तो ममता सरकार इसका कितना संज्ञान लेगी और क्या कुछ कदम उठाएगी, यह देखने वाली बात होगी।