कोलकाता : पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव की सुरक्षा को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट की तमाम सख्ती के बाद 80 हजार से अधिक केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश हुआ है लेकिन शनिवार को चुनाव आयोग ने एक अधिसूचना जारी कर स्पष्ट कर दिया है कि राज्य में आठ जुलाई को मतदान वाले दिन मतदान केंद्रों में केंद्रीय बलों की तैनाती नहीं होगी। वहां राज्य पुलिस के जवान ही मतदान करवाएंगे जिसे लेकर विवाद शुरू हो गया है।
चुनाव आयोग ने जो अधिसूचना जारी की है उसमें स्पष्ट कर दिया है कि केंद्रीय बलों के जवान केवल रूट मार्च और नाका चेकिंग के काम में लगाए जाएंगे। माकपा और कांग्रेस ने स्पष्ट कर दिया है कि चुनाव आयोग के इस फैसले के खिलाफ कलकत्ता हाई कोर्ट में एक बार फिर अपील करेंगे।
इसे लेकर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि चुनाव आयोग निश्चित तौर पर सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के इशारे पर काम कर रहा है। कलकत्ता हाई कोर्ट की सख्ती के बावजूद इस तरह की अधिसूचना आयोग की निष्पक्षता पर सवाल खड़ा करने वाली है। उन्होंने कहा कि पार्टी इसके खिलाफ एक बार फिर हाई कोर्ट का रुख करेगी।
उल्लेखनीय है कि कलकत्ता हाई कोर्ट ने राज्य में पंचायत चुनाव की सुरक्षा के लिए 82 हजार केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दिया था। इसके साथ ही कहा था कि चुनाव आयोग को इस तरह से काम करना चाहिए कि लोगों में शांतिपूर्वक मतदान के लिए विश्वास बहाल हो।