नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव में निर्वाचन अधिकारी अनिल मसीह के खिलाफ मुकदमा चलाने के संकेत दिए हैं। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को निर्देश दिया कि वे सभी रिकॉर्ड लेकर सुप्रीम कोर्ट आएं। मामले की सुनवाई कल भी होगी।
सुनवाई शुरू होते ही चीफ जस्टिस ने पूछा कि क्या पिछले आदेश के मुताबिक रिटर्निंग अफसर कोर्ट में मौजूद हैं। कोर्ट ने पूछा कि रिटर्निंग अफसर कौन हैं। कोर्ट ने रिटर्निंग अफसर अनिल मसीह से सवाल पूछा कि आप कैमरे की तरफ क्यों देख रहे थे। तब अनिल मसीह ने बताया कि पार्षद कैमरा-कैमरा चिल्ला रहे थे तभी देखा। कोर्ट ने फिर पूछा आपने कुछ बैलेट पेपर पर क्रॉस मार्क लगाया या नहीं। तब मसीह ने कहा कि हां मैंने आठ पेपर पर क्रॉस मार्क लगाया था। कोर्ट ने फिर पूछा कि आप क्रॉस क्यों लगा रहे थे और किस नियम के तहत आपने क्रॉस मार्क किया। तब मसीह ने कहा कि पेपर को निशान देने की कोशिश की गई। तब कोर्ट ने कहा कि आप मान रहे हैं कि आपने वहां मार्क लगाया।
कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि मसीह ने माना कि उन्होंने मार्क लगाया है, ऐसे में इनके खिलाफ करवाई होनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि हम उपायुक्त को कहेंगे कि नए रिटर्निंग अफसर को नियुक्त करें। हम हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से कहेंगे कि इसकी मॉनिटरिंग करें और वो सभी रिकॉर्ड लेकर हमारे पास आएं, कल मामले की सुनवाई करेंगे। तब मेहता ने कहा कि सुबह सुनवाई न की जाए। तब चीफ जस्टिस ने कहा कि हम कल दो बजे मामले की सुनवाई करेंगे। वोटिंग का पूरा वीडियो भी अदालत में पेश करना होगा। मसीह भी कल सुनवाई के दौरान अदालत में पेश होंगे।
कोर्ट ने 5 फरवरी को रिटर्निंग अफसर की तरफ से धांधली के आरोप पर कहा था कि ये लोकतंत्र की हत्या है। कोर्ट ने चुनाव का वीडियो देखने के बाद कहा था कि निर्वाचन अधिकारी मतपत्र कैसे खराब कर सकता है, उस पर मुकदमा चलना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने 7 फरवरी को होने वाले चंडीगढ़ नगर निगम की बैठक को स्थगित कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर जरूरत पड़ी तो फिर चुनाव करवाए जाएंगे। अभी मतपत्र और मतदान का वीडियो पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट को सौंप दिया जाए।
सुनवाई के दौरान आम आदमी पार्टी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि भाजपा के एक उम्मीदवार को निर्वाचन अधिकारी चुना गया और उसने पक्षपातपूर्ण तरीके से काम करते हुए कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के आठ पार्षदों के बैलेट पेपर को जानबूझकर खराब कर दिया।
दरअसल, आम आदमी पार्टी के पार्षद ने 30 जनवरी को हुए चुनाव मामले में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा जारी किए गए आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिसमें हाई कोर्ट ने चंडीगढ़ नगर निगम का मेयर घोषित करने वाले चुनाव परिणाम पर तत्काल रोक लगाने से इनकार कर दिया था। हालांकि, हाई कोर्ट ने इस मामले में नोटिस जारी कर इस मामले की सुनवाई को तीन हफ्ते बाद के लिए तय कर दिया है।
आम आदमी पार्टी के पार्षद कुलदीप कुमार ने याचिका में मेयर चुनाव की प्रक्रिया को रद्द कर चुनाव से जुड़ा पूरा रिकॉर्ड सील करने की मांग करते हुए कहा है कि मेयर के पदभार संभालने पर रोक लगाई जाए। याचिका में पूरी चुनावी प्रक्रिया में हुई धांधली की जांच करवाने और नए सिरे से हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में चुनाव करवाने का निर्देश जारी करने की मांग की गई है।