कोलकाता : एक समय माओवादियों के समर्थन में हिंसक आन्दोलन कर सुर्ख़ियों में आए छत्रधर महतो को विशेष एनआईए कोर्ट ने अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया है। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि सेहत खराब होने की वजह से महतो को जेल हिरासत में रखकर ही इलाज किया जाए। मामले की अगली सुनवाई 19 जुलाई को होनी है।
दरअसल, तबीयत बिगड़ने का हवाला देकर छत्रधर के वकील ने न्यायमूर्ति सिद्धार्थ कांजीलाल की पीठ में अंतरिम जमानत की याचिका लगाई थी। वे दो बेटों की शादी और अन्य समारोह के लिए कोर्ट के आदेश पर पैरोल पर बाहर आए थे। यहां लालगढ़ के अमिलिया गांव में अपने पैतृक आवास पर समारोह के बाद गुरुवार की शाम को उनकी सेहत बिगड़ गई थी। सीने में दर्द के बाद उन्हें झाड़ग्राम सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती किया गया था। वहां से उन्हें गुरुवार रात को ही मेदनीपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रेफर कर दिया गया था। सेहत में हल्का सुधार होने के बाद रिस्क बांड पर वे शुक्रवार की सुबह पत्नी को साथ लेकर कोलकाता पहुंचे थे।
यहां आते ही उनकी पत्नी नियति महतो ने एनआईए कोर्ट में उनकी अंतरिम जमानत की याचिका लगाई थी और उन्हें एसएसकेएम अथवा किसी अन्य अस्पताल में चिकित्सा कराने की अनुमति मांगी थी। कोर्ट ने इसे अंतरित जमानत देने के से इनकार कर दिया है और जेल में ही उन्हें इलाज की व्यवस्था करने के आदेश दिये हैं। जमानत न मिलने के बाद छत्रधर को जेल भेज दिया गया।