कोलकाता : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कोलकाता के राजभवन की एक महिला कर्मचारी द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया है। याचिका में राज्यपाल को आपराधिक अभियोजन से दी गई छूट को चुनौती दी गई है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के वकील संजय बसु ने इसका स्वागत किया है।
महिला कर्मचारी ने पहले कोलकाता के स्थानीय पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल, सीवी आनंद बोस पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था।
मुख्यमंत्री के वकील संजय बसु ने एक बयान में कहा, “सुप्रीम कोर्ट का आज का आदेश राजभवन के अधिकारियों के उस दावे को खारिज करता है कि यह घटना राजनीतिक रूप से प्रेरित थी और राज्यपाल की छवि को खराब करने का प्रयास था। यौन उत्पीड़न की घटनाओं को किसी भी स्थिति और शक्ति वाले व्यक्ति के खिलाफ नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है और सुप्रीम कोर्ट इस मामले में दिशा-निर्देश तय करेगा।”
संबंधित जानकारी के अनुसार, 16 जुलाई को, कलकत्ता उच्च न्यायालय की एकल-न्यायाधीश पीठ ने राज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री के खिलाफ दायर मानहानि मुकदमे पर अंतरिम स्थगन आदेश जारी किया था, जिसमें राज्यपाल पर आपत्तिजनक टिप्पणियों पर 14 अगस्त तक रोक लगाई गई थी। इसके बावजूद, तृणमूल कांग्रेस के कुछ नेता जैसे लोकसभा सदस्य महुआ मोइत्रा और पार्टी के नेता कुणाल घोष ने इस मामले में सोशल मीडिया पर अपनी टिप्पणियां जारी रखीं।