कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पंचायत चुनाव से पहले आज 109 परियोजनाओं का उद्घाटन करने वाली हैं। राज्य सचिवालय नवान्न में नौकरशाहों के साथ उच्चस्तरीय बैठक करने के बाद मुख्यमंत्री का यह कार्यक्रम प्रस्तावित है। राज्य के विभिन्न जिलों में इन परियोजनाओं का क्रियान्वयन किया जाएगा। सचिवालय के सूत्रों ने बुधवार को बताया है कि मुख्यमंत्री की इस बैठक में सभी विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों को उपस्थित होने को कहा गया है।
सूत्रों के अनुसार उद्घाटन में मुख्य रूप से राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के ढांचागत विकास से जुड़े मामलों को प्राथमिकता दी जाएगी। राज्य सरकार ने इन परियोजनाओं पर लगभग 1100 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इन नई परियोजनाओं में पांच महत्वपूर्ण पुल शामिल हैं। इनमें से तीन उल्लेखनीय पुल बांकुड़ा में सेतुघाट पुल, चंद्रकोना-घाटाल में निर्मित नया पुल, झारग्राम जिले में देव नदी पर पुल हैं। इन तीनों पुलों के निर्माण की कुल लागत 43 करोड़ रुपये है। इसके अलावा ममता पथश्री और रास्ताश्री परियोजनाओं की कई ग्रामीण सड़कों का उद्घाटन करेंगी। रास्ताश्री परियोजनाओं की घोषणा सबसे पहले वित्त राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने इस साल फरवरी में अपने बजट भाषण में की थी। 28 मार्च को मुख्यमंत्री ने सिंगुर से ग्रामीण सड़कों के निर्माण के लिए इस परियोजना का शुभारंभ किया था। राज्य सरकार के एक अधिकारी के शब्दों में, “एक महीने से भी कम समय में रास्ताश्री परियोजनाओं के तहत कई सड़कों का निर्माण किया गया है। मुख्यमंत्री इस दौरान पूरी हुई सभी सड़कों का उद्घाटन करेंगी।”
अप्रैल माह में सरकारी कैंप के माध्यम से 10.5 लाख आवेदन स्वीकार किया गया है। ममता उन लोगों के बैंक खातों में लक्ष्मी भंडार की पहली किस्त का हस्तांतरण भी शुरू कर सकती हैं जिनके आवेदन स्वीकार कर लिए गए हैं। नवान्न के सभी आला नौकरशाहों और हर विभाग के अधिकारियों को अनिवार्य रूप से उपस्थित होने को कहा गया है। इस बैठक में जिला अधिकारी भी वर्चुअल माध्यम से हिस्सा लेंगे। ज्ञात हो कि इस बैठक में भाग लेने के निर्देश भेजने के साथ ही सभी विभागों को 19 अप्रैल तक अपनी कार्य समीक्षा रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया था। मंत्रिस्तरीय नौकरशाहों ने मुख्यमंत्री कार्यालय के निर्देशानुसार 19 तारीख तक अपने कार्यालयों के कार्यपत्र प्रस्तुत कर दिए हैं। माना जा रहा है कि रिपोर्ट की जांच के बाद मुख्यमंत्री बैठक में ही मंत्रियों और नौकरशाहों को जरूरी निर्देश दे सकती हैं।