कोलकाता : आईएसएफ विधायक नौशाद सिद्दीकी पंचायत चुनाव से पहले रविवार को जनसंपर्क को बढ़ावा देने के लिए भांगड़ पहुंचे। अपने विधानसभा क्षेत्र में खड़े होकर आईएसएफ नेता ने एक बार फिर राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। उन्होंने रविवार को कटाक्ष करते हुए कहा कि तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी या राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी अगर शौकत मोल्ला की जगह भांगड़ की जिम्मेदारी लेते तो अच्छा होता। ऐसा इसलिए क्योंकि शौकत मल्ला से भांगड़ की जिम्मेदारी संभल नहीं रही है। भांगड़ विधानसभा के बोज़ेरहाट इलाके से आईएसएफ विधायक ने गाड़ी में सवार होकर रैली निकाली और जनसंपर्क किया। जेल से छूटने के बाद उन्होंने पहली बार रैली निकाली है। उल्लेखनीय है कि 21 जनवरी को पार्टी के स्थापना दिवस के मौके पर भांगड़ में हुई झड़प के बाद पार्टी के कार्यकर्ता और समर्थक धर्मतल्ला में विरोध प्रदर्शन करने गए थे। यहां पर इन सभी की पुलिस के साथ हाथापाई हो गई थी और पार्टी समर्थकों ने पुलिस के ऊपर पथराव कर दिया था। इसके बाद कार्रवाई करते हुए पुलिस ने पार्टी समर्थकों और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया। नौशाद सिद्दीकी के साथ उनकी पार्टी के 53 कार्यकर्ताओं को भी धीरे-धीरे पकड़ लिया गया था, जो लगातार जेल में बंद थे। आईएसएफ नेता को 42 दिन बाद गत मार्च महीने में जेल से रिहा किया गया था।
सत्ता पक्ष आईएसएफ के गढ़ को तोड़ने को बेताब है। कैनिंग ईस्ट के विधायक शौकत मोल्ला को भांगड़ विधानसभा के लिए पर्यवेक्षक बनाया गया है। शौकत ने कुछ दिन पहले काशीपुर थाने में अपनी हत्या की आशंका जताते हुए लिखित शिकायत भी की थी और आईएसएफ पर उंगली उठाई थी। रविवार को नौशाद की टिप्पणी के बाद तृणमूल नेता शौकत मोल्ला ने कहा कि अहंकार का पतन निश्चित है, उनके पास इलाके के लोगों के सुख-दुख की खबरें रखने की फुर्सत नहीं थी इतने लंबे समय तक।