कोलकाता : शिक्षक भर्ती भ्रष्टाचार मामले में अभियुक्त पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की गुरुवार को कोर्ट में पेशी के दौरान चोर-चोर के नारे लगे। पार्थ चटर्जी ने अपनी बेगुनाही का दावा करते हुए एक बार फिर जमानत मांगी है। भर्ती मामले में गुरुवार को कोर्ट में पार्थ समेत सात लोगों पर सुनवाई हुई। हालांकि, पार्थ को बाकी अभियुक्तों के साथ एक ही गाड़ी में नहीं लाया गया था। पार्थ को जेल से अलग कार में अदालत परिसर लाया गया। गाड़ी से उतरते ही उनके चारों ओर नारेबाजी शुरू हो गई। वहां मौजूद लोग पार्थ चटर्जी के देखते ही चोर-चोर के नारे लगाने लगे। इलाके में जमा गुस्साई भीड़ को यह कहते भी सुना गया, ”उसे जला देना चाहिए, उसे फांसी पर लटका देना चाहिए।”
पार्थ के आसपास कई युवकों के साथ एक अधेड़ व्यक्ति को भी नारेबाजी करते देखा गया। बाद में जब उनसे उनके गुस्से की वजह पूछी गई तो उन्होंने कहा, ”मैं चोर को चोर नहीं कहूंगा?” अधेड़ उम्र के इस प्रदर्शनकारी ने पार्थ पर विदेश पैसे भेजने का भी आरोप लगाया। हालांकि, किसी ने अपनी पहचान नहीं बताई। वहीं गुरुवार को पंजाबी पहने पार्थ चटर्जी पुलिस की गाड़ी से सीधे चले और कोर्ट के प्रवेश द्वार की सीढ़ियों पर मुड़कर बोले, ”मैं भ्रष्टाचार नहीं करना चाहता था। शुभेंदु अधिकारी, दिलीप घोष और सुजन चक्रवर्ती ने उत्तर बंगाल में अपने लोगों की नियुक्ति के लिए नामों की सूची दी थी। मैंने उन्हें मना करते हुए कहा कि मैं नियोक्ता नहीं हूं, मैं कुछ नहीं कर सकता।”