कोलकाता : पश्चिम बंगाल में कांग्रेस को सीटें नहीं देने की तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी की घोषणा के बावजूद कांग्रेस ने उम्मीद नहीं छोड़ी है। कांग्रेस का गढ़ रहे मुर्शिदाबाद जिले में पत्रकारों को संबोधित करते हुए पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव का सर्वोपरि उद्देश्य केंद्र में भारतीय जनता पार्टी नीत सरकार को हटाना है।
रमेश ने कहा कि गठबंधन में देने और लेने की प्रवृत्ति होती है। हम राज्य में संयुक्त रूप से सीट-बंटवारे के फॉर्मूले पर आम सहमति तक पहुंचने के लिए आशान्वित हैं। ममता बनर्जी ने इंडी गठबंधन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है और हम इस रुख का स्वागत करते हैं। अल्पसंख्यक बहुल जिले मुर्शिदाबाद में फिलहाल लोकसभा की तीन में से एक सीट कांग्रेस के पास है। रमेश की इस टिप्पणी के पूर्व बनर्जी ने कांग्रेस को कोई भी सीट आवंटित नहीं करने की घोषणा की थी।
मुख्यमंत्री बनर्जी ने आरोप लगाया था कि पार्टी ने भाजपा की संभावनाओं को मजबूत करने के लिए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के साथ गठबंधन किया है। रमेश ने कहा, ‘‘मैंने उनके बयान को सुना है, लेकिन यह उनकी राय को दर्शाता है, गठबंधन की सहमति को नहीं। तृणमूल और कांग्रेस दोनों का आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने का साझा लक्ष्य है।’’
बंगाल में तृणमूल के साथ किसी भी गठबंधन में शामिल होने के लिए माकपा नेतृत्व की अनिच्छा के बारे में, रमेश ने स्पष्ट करते हुए कहा कि विपक्षी गुट की सभी बैठकों में माकपा, कांग्रेस, तृणमूल और अन्य दलों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
बनर्जी ने बुधवार को एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान दोहराया कि कांग्रेस द्वारा दो सीटों पर चुनाव लड़ने के उनके प्रस्ताव को अस्वीकार करने के बाद तृणमूल ने राज्य में आगामी लोकसभा चुनाव स्वतंत्र रूप से लड़ने का विकल्प चुना है। पश्चिम बंगाल में कांग्रेस ने तृणमूल और भाजपा दोनों के खिलाफ माकपा के साथ गठजोड़ किया है। रमेश ने कहा कि बंगाल में हमारा उद्देश्य स्पष्ट है-भाजपा को सत्ता से बाहर करना। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि पश्चिम बंगाल में पिछले चुनाव के दौरान मिली 18 सीटों पर भाजपा की हार हो।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2019 के चुनावों में, तृणमूल ने राज्य में 22 सीटें हासिल कीं, कांग्रेस ने दो सीटें जीतीं और भाजपा ने 18 सीटें हासिल कीं।