लखनऊ : उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के लगातार गिरते ग्राफ को रोकने के लिए पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को प्रदेश का प्रभारी बनाया गया था। प्रभारी बनने के बाद प्रियंका लगातार प्रदेश में सक्रिय हैं, लेकिन पार्टी के गिरते ग्राफ को वह नहीं रोक पा रही हैं। नेताओं के कांग्रेस छोड़कर अन्य दलों की सदस्यता लेने का सिलसिला जारी है। ग्रामीण क्षेत्रों में कांग्रेस का संगठन न के बराबर है। अब तक चार विधायक भी पार्टी छोड़कर जा चुके हैं। वहीं, कांग्रेस के अभियान “लड़की हूं लड़ सकती हूं” की पोस्टर गर्ल डॉ. प्रियंका मौर्य ने गुरुवार को भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली।
वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के सात विधायक जीते थे। मौजूदा समय में कांग्रेस के पास मात्र तीन विधायक ही बचे हैं। आधे से अधिक यानी 04 विधायक पार्टी को अलविदा कह चुके हैं। इनमें से कांग्रेस के तीन विधायक भाजपा में और एक विधायक सपा में शामिल हुए हुए हैं। रायबरेली सदर विधानसभा क्षेत्र की कांग्रेस विधायक अदिति सिंह ने गुरुवार को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के साथ ही पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है।
वैसे अदिति सिंह पहले ही भाजपा में शामिल हो चुकी हैं, लेकिन विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया था। इससे पूर्व रायबरेली जिले की हरचंदपुर सीट से विधायक राकेश सिंह पहले ही भाजपा में आ चुके हैं। इसके अलावा सहारनपुर जनपद के बेहट से कांग्रेस विधायक नरेश सैनी ने भी भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है। वहीं सहारनपुर देहात सीट से कांग्रेस विधायक मसूद अख्तर सपा में शामिल हो गये हैं। कांग्रेस पार्टी के पास इस समय प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, नेता विधानमण्डल दल आराधना मिश्रा मोना और कानपुर कैंट से कांग्रेस विधायक सुहेल अंसारी ही पार्टी में बचे हैं।
उत्तर प्रदेश के कांग्रेस प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने बताया कि कांग्रेस पार्टी प्रियंका गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की प्रतिज्ञाओं में शामिल किसानों, महिलाओं व युवाओं के मुद्दे पर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि यह चुनाव का समय है। चुनाव के समय नेता दल—बदल करते हैं। सभी दलों के नेता इधर—उधर आ जा रहे हैं। नेताओं के पार्टी छोड़कर जाने से कांग्रेस पार्टी पर फर्क नहीं पड़ेगा।