कोलकाता : पश्चिम बंगाल में ‘आसनी’ चक्रवाती तूफान के खतरे से बचाव के लिए बनाए जा रहे बांध में भ्रष्टाचार के आरोप सामने आए हैं। पूर्व मेदिनीपुर के समुद्र तट हल्दिया में चक्रवात से बचाव के लिए बांध बनाए जाने का काम राज्य सरकार के सिंचाई विभाग की ओर से किया जा रहा था।
आरोप है कि विभाग की ओर से जो काम किया जा रहा था उसमें बहुत ही खराब गुणवत्ता का सामान इस्तेमाल हो रहा था। गांव वालों की नजर पड़ी तो उन्होंने विभाग के अधिकारियों को घेरकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया काफी देर बाद पुलिस मौके पर पहुंची और ग्रामीणों से घिरे विभाग के अधिकारियों को सुरक्षित बाहर निकाला। लोगों का कहना था कि पिछले साल जब चक्रवात आया था तो सबसे अधिक प्रभाव हल्दिया में ही पड़ा था। कई लोगों की मौत हो गई थी जबकि अनगिनत मकान, दुकान और घर क्षतिग्रस्त हो गए थे। इस बार भी वैसा ही घातक चक्रवात आने वाला है लेकिन लोगों को बचाव के लिए ईमानदारी से काम करने के बजाय सिंचाई विभाग के अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। मामले में पुलिस ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है जिसके बाद लोगों ने विरोध प्रदर्शन खत्म किया।
दूसरी ओर सुंदरवन विकास मंत्री बंकिम चंद्र हाजरा ने नदी के रास्ते दक्षिण 24 परगना के विस्तृत इलाके का प्रदर्शन किया और संभावित जानमाल के नुकसान को टालने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया है। उन्होंने नदी पर बने बांध का भी अवलोकन किया और कहीं-कहीं जहां उन्हें कमजोर कड़ियां दिखीं वहां मरम्मत का निर्देश दिया है। यहां भी ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने मिट्टी के जरिए बांध की मरम्मत शुरू की है जबकि सीमेंट के जरिए होनी चाहिए थी। उन्होंने कार्रवाई का आश्वासन भी दिया है।