पार्थ चटर्जी को लेकर प्रेसीडेंसी जेल प्रबंधन के लचर रवैए से कोर्ट नाराज, नहीं मिली जमानत

कोलकाता : राज्य के बहुचर्चित शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किए गए पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी समेत उनकी महिला मित्र अर्पिता मुखर्जी, कुंतल घोष, शांतनु बनर्जी, माणिक भट्टाचार्य, उनकी पत्नी और बेटे को सोमवार एक बार फिर कोर्ट में पेश किया गया। बैंकशाल कोर्ट में पेशी के दौरान पार्थ ने अपने लिए जमानत की अर्जी लगाई थी। उनके अधिवक्ता ने यह भी बताया कि अगर जमानत नहीं मिली तो अब दिल्ली से अधिवक्ता को बुलाया जाएगा। हालांकि केंद्रीय एजेंसी की ओर से खड़े हुए अधिवक्ता ने कहा कि पार्थ चटर्जी काफी प्रभावशाली व्यक्ति हैं। जेल में अंगूठी पहन कर रहते हैं। किसी अधिकारी को हिम्मत नहीं होती उनसे बोलने की। उन्हें जमानत मिलेगी तो साक्ष्य खत्म हो जाएंगे। उसके बाद कोर्ट ने उन्हें एक जुलाई तक हिरासत में रखने का आदेश दिया।

इसके पहले जब पार्थ चटर्जी को कोर्ट में पेश किया गया था तो वह हाथ में अंगूठी पहन कर वर्चुअल जरिए से शामिल हुए थे। इसे लेकर कोर्ट ने कहा कि एक कैदी कैसे अंगूठी पहन कर जेल में रह रहा है? और उसे वैसे ही कोर्ट के सामने पेश कर दिया गया। इस मामले में प्रेसिडेंसी जेल प्रबंधन की ओर से जो रिपोर्ट दाखिल की गई है वह संतोषजनक नहीं है। जेल के आईजी ने यह रिपोर्ट दी है।

इसे लेकर न्यायाधीश ने कहा कि आईजी की रिपोर्ट देखकर ऐसा लग रहा है जैसे उन्हें दोबारा प्रशिक्षण लेने के लिए भेजा जाना चाहिए। उन्हें आईपीएस ट्रेनिंग सेंटर में भेजने की जरूरत है।

मामले की अगली सुनवाई एक जुलाई को होनी है। इसके बाद ही पार्थ के अधिवक्ता ने बताया कि उस दिन पार्थ के लिए दिल्ली से अधिवक्ता को लाया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *