कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ कथित तौर पर व्यक्तिगत टिप्पणी करने के आरोप में कांग्रेस नेता कौस्तव बागची को गिरफ्तार करने वाली कोलकाता पुलिस को कोर्ट में तगड़ा झटका लगा है। सुबह आठ बजे के करीब बड़तला थाने की पुलिस बैरकपुर स्थित कौस्तव के घर जाकर उन्हें गिरफ्तार कर लाई थी और दोपहर के समय ही कोर्ट ने उन्हें हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी।
जमानत मिलने के बाद कौस्तव ने अपना सिर मुंडवा कर गिरफ्तारी के प्रति विरोध जताया।
पुलिस ने उन्हें बैंकशाल कोर्ट में पेश किया था और कौस्तव की जमानत के लिए वयोवृद्ध माकपा नेता और कोलकाता हाईकोर्ट में विभिन्न मामलों में राज्य सरकार को धूल चटाने वाले वरीय अधिवक्ता विकास रंजन भट्टाचार्य ने न्यायालय के समक्ष पक्ष रखा।
सरकारी काउंसिल ने न्यायालय को बताया कि कौस्तव ने जानबूझकर दो गुटों के बीच हिंसा फैलाने के लिए भड़काऊ बयानबाजी की। इस पर विकास रंजन भट्टाचार्य ने कहा कि जब दो गुटों के बीच संघर्ष हुआ है तो जिन लोगों ने संघर्ष किया है उन्हें गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया है? विकास रंजन भट्टाचार्य ने कोर्ट में कहा कि पुलिस आधी रात को किसी के घर जा रही है। कानून व्यवस्था ताक पर रख दिया गया है। ऐसा लगता है जैसे किसी दिन जज के घर भी घुस जाएंगे। बिना नोटिस कौस्तव को गिरफ्तार कर लिया गया। सुप्रीम कोर्ट की निषेधाज्ञा के बावजूद आधी रात को पुलिस कौस्तव के घर कैसे गई?
सरकारी वकील और विकास रंजन भट्टाचार्य के बीच जमकर बहस हुई जिसके बाद नाराज होकर न्यायाधीश कुछ देर के लिए कोर्ट से बाहर चले गए। कुछ देर के बाद न्यायाधीश वापस आए और दोनों पक्षों की जिरह के आधार पर उन्होंने कौस्तव की जमानत स्वीकार की। इसके साथ ही हजार रुपये के निजी मुचलके पर उन्हें तुरंत रिहा करने को कहा है।