कोलकाता : पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा आयोजकों के लिए गुरुवार को कलकत्ता हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने दुर्गा पूजा के दौरान दर्शकों को पंडालों में सशर्त प्रवेश की अनुमति दे दी है। साथ ही अष्टमी को पुष्पांजलि अर्पित करने और दशमी के दिन विसर्जन से पहले सिंदूर खेला की भी शर्त के साथ अनुमति दे दी है।
गुरुवार को मुख्य कार्यकारी न्यायाधीश राजेश बिंदल और राजश्री भारद्वाज की पीठ ने पूजा आयोजकों को केवल अष्टमी को पुष्पांजलि अर्पित करने और दशमी के दिन विसर्जन से पहले सिंदूर खेल की अनुमति दी है। कोर्ट ने कहा कि कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लेने वालों को ही पुष्पांजलि और सिंदूर खेल में शामिल होने की अनुमति होगी। कोर्ट ने कहा कि बड़े पूजा पंडालों में अधिकतम 60 लोग और छोटे पूजा पंडालों में 15 लोगों को ही शामिल होने की छूट रहेगी। कोर्ट ने किन पूजा पंडालों में कौन से लोग कितनी संख्या में शामिल होंगे। इसकी सूची स्थानीय थाना को उपलब्ध कराने को कहा गया है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि अगर कोई पूजा आयोजक इस निर्देश को नहीं मानते हैं तो पुलिस पूजा की अनुमति रद्द कर सकती है।
उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल में अष्टमी के दिन दुर्गा पूजा पंडालों में मां दुर्गा को पुष्पांजलि अर्पित की जाती है जबकि दशमी के दिन महिलाएं सिंदूर खेल खेलती हैं। इस परंपरा के तहत महिलाएं और लड़कियां एक दूसरे की मांग और गालों पर सिंदूर लगाकर सुहाग की लंबी उम्र और लड़कियों के लिए सुयोग्य वर की प्रार्थना करती हैं।