माकपा ने मुर्शिदाबाद दंगों की न्यायिक जांच की मांग की

तृणमूल और भाजपा पर सांठगांठ कर हिंसा भड़काने का आरोप
कोलकाता : मुर्शिदाबाद में हाल ही में हुई सांप्रदायिक हिंसा को लेकर वामपंथी दल माकपा ने रविवार को पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और केंद्र की भाजपा पर तीखा हमला बोला। पार्टी ने आरोप लगाया कि दोनों दल आगामी 2026 विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक लाभ के लिए “मिलीभगत से हिंसा” करा रहे हैं। इसके साथ ही माकपा ने इस मामले की न्यायिक जांच की मांग की है।

कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में माकपा की अग्रणी संगठनों की एक विशाल रैली को संबोधित करते हुए पार्टी के राज्य सचिव और पोलित ब्यूरो सदस्य मोहम्मद सलीम ने कहा कि हम मुर्शिदाबाद दंगों की न्यायिक जांच की मांग करते हैं ताकि सच्चाई सामने आ सके। तृणमूल और भाजपा सांप्रदायिकता की होड़ में लगे हैं। यह आम जनता के असली मुद्दों – बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार –से ध्यान भटकाने की एक साजिश है।

उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा लाए गए वक्फ संशोधन कानून पर भी हमला बोला और कहा कि देशभर में इस कानून के खिलाफ विरोध हो रहे हैं, लेकिन दंगे सिर्फ मुर्शिदाबाद में क्यों हुए? यह गंभीर सवाल खड़े करता है।

माकपा नेता ने दावा किया कि तृणमूल और भाजपा मिलकर मतदाताओं को धार्मिक आधार पर बांटने की कोशिश कर रही हैं। उन्होंने कहा कि 2026 के चुनाव से पहले दोनों पार्टियां एक-दूसरे की मदद कर रही हैं ताकि धार्मिक माहौल बनाकर समाज में विभाजन किया जा सके।

केंद्र की ‘सबका साथ, सबका विकास’ नीति पर तंज कसते हुए सलीम ने कहा कि भाजपा की यह नीति अब ‘सबका सत्यानाश’ बन चुकी है।

माकपा ने आरोप लगाया कि मुर्शिदाबाद की हिंसा दोनों दलों की मिलीभगत से सुनियोजित ढंग से कराई गई थी। पार्टी ने दोषियों पर तुरंत कार्रवाई की मांग करते हुए बंगाल की जनता से इस “विभाजनकारी राजनीति” के खिलाफ एकजुट होने की अपील की।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *