माकपा ने पोस्टर जारी कर पार्थ चटर्जी के इस्तीफे की मांग की

कोलकाता : माकपा ने शिक्षक नियुक्ति मामले में गिरफ्तार तृणमूल विधायक पार्थ चटर्जी के विधायक पद से इस्तीफे की मांग की है। माकपा की ओर विधानसभा इलाके में पोस्टर लगाये हैं जिनमें पार्थ चटर्जी के नाम का उल्लेख किये बगैर उन्हें चोर बताते हुए उनके इस्तीफे की मांग की गई है।

पोस्टर पर बड़े अक्षरों में लिखा है, “चोर भगाओ, बेहला बचाओ।” नीचे के हिस्से में लिखा है, “सरकारी सेवा कहां से मिलेगी, क्षेत्र में विधायक नहीं है, मुझे चोर विधायक का इस्तीफा चाहिए”। इसमें स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि यह पोस्टर कोलकाता जिला माकपा द्वारा दिया गया है। उल्लेखनीय है कि पार्थ को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पिछले साल 23 जुलाई को गिरफ्तार किया था। 29 जुलाई को उन्हें तृणमूल से निलंबित कर दिया गया था। तब से बेहाला पश्चिम के विधायक जेल में हैं। बेहाला पश्चिम क्षेत्र में विधायक नहीं होने से करीब नौ महीने हो गए हैं और स्थानीय लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। विधायक नहीं होने की समस्या को उजागर करते हुए बेहाला पश्चिम माकपा ने पार्थ के इस्तीफे की मांग की है। बेहाला पश्चिम विधानसभा कोलकाता नगर निगम के 118, 119 और 125-132 वार्डों से बनी है। इन दस वार्डों में पोस्टर लगाये गए हैं।

माकपा की कोलकाता जिला कमेटी के सचिव कल्लोल मजूमदार ने कहा कि विधायक के न होने की वजह से बेहाला पश्चिम के लोग बहुत परेशानी में हैं। खासकर गरीब और निम्न मध्यम वर्ग के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्र के विधायक के जेल में होने के कारण उन्हें कोई सुविधा नहीं मिल रही है। इसलिए हम चाहते हैं कि लोगों को सेवा मिले, इसलिए हम पोस्टर पर स्लोगन लगाते हैं, चोर भगाओ और बेहला बचाओ। माकपा के इस तरह के आरोपों पर तृणमूल नेता अंजन दास ने कहा कि माकपा राजनीतिक रूप से ऐसा दावा कर सकती है। लेकिन हमें नहीं लगता कि इसके परिणामस्वरूप उन्हें कोई राजनीतिक लाभ मिलेगा। पार्थ चटर्जी को लोग नहीं जानते, ममता बनर्जी और तृणमूल को जानते हैं। वहीं भाजपा नेता राखी चट्टोपाध्याय ने कहा कि बेहाला की निवासी होने के नाते मैं कह सकती हूं कि विधायक के जेल में होने के कारण स्थानीय लोगों को परेशानी हो रही है। यह कहने की आवश्यकता नहीं है कि जिस पार्टी से वे चुने गए थे वह घोर भ्रष्टाचार में लिप्त है। भले ही तृणमूल उन्हें निलंबित कर देती है और भ्रष्टाचार की जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेती है, लेकिन बेहाला के लोग जानते हैं कि तृणमूल के प्रतिनिधि के रूप में पार्थ चटर्जी ने क्या गलत किया है।

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