कोलकाता : महंगाई भत्ता (डीए) की मांग पर राज्य सरकार के खिलाफ लगातार आंदोलन कर रहे कर्मचारियों ने सरकार पर दबाव बनाने के लिए सभी विपक्षी पार्टियों को पत्र लिखा है। संगठन की ओर से 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा, माकपा, कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों को संबोधित करते हुए जो पत्र लिखा गया है उसमें बताया है कि ममता बनर्जी की सरकार सरकारी कर्मचारियों के प्रति किस तरह से उदासीन है।
संग्रामी यौथ मंच (संग्रामी संयुक्त मंच) की ओर से लिखे गए पत्र में बताया गया है कि लंबे समय से कोर्ट के आदेश और नियम के बावजूद पश्चिम बंगाल सरकार महंगाई भत्ता नहीं दे रही। सैकड़ों सरकारी कर्मचारी सड़कों पर हैं, आंदोलन कर रहे हैं, उन्हें परेशान किया जा रहा है। डीए आंदोलन के चेहरा रहे नेताओं के खिलाफ तमाम तरह की साजिश रची जा रही है जिसे लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा है।
पत्र में यह भी लिखा है कि ममता बनर्जी की सरकार को अपना मनोभाव स्पष्ट कर देना चाहिए कि सरकारी कर्मचारियों के आंदोलन को वह किस रूप में देख रहे हैं? आंदोलनकारियों को क्यों परेशान किया जा रहा है? क्यों महंगाई भत्ता नहीं दिया जा रहा? इसमें लोकतंत्र कहां बचा है ?
उल्लेखनीय है कि महंगाई भत्ता की मांग पर धर्मतल्ला में लंबे समय से सरकारी कर्मचारियों का एक दल धरने पर बैठा हुआ है।