कोलकाता : पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता भाजपा के शुभेंदु अधिकारी ने शनिवार को कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल के एक फैसले के बाद केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों के बीच डीए का अंतर अब 36 प्रतिशत हो गया है। शुभेंदु अधिकारी का यह बयान ऐसे मौके पर आया है जब केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 47.58 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारियों और 69.76 लाख पेंशनरों को लाभान्वित करने के लिए महंगाई भत्ते और महंगाई राहत को 4 प्रतिशत बढ़ाकर 42 प्रतिशत कर दिया है।
भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने इस संदर्भ में ट्वीट कर लिखा कि यह माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करिश्मा है। पश्चिम बंगाल सरकार और केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बीच वेतन में असमानता बढ़ती जा रही है।
ट्वीट के साथ एक तस्वीर शेयर करते हुए, भाजपा नेता ने कहा कि केंद्र अब 42 प्रतिशत डीए का भुगतान करता है, जबकि राज्य सरकार छह प्रतिशत देती है, जिसमें से तीन प्रतिशत एक चिट के माध्यम से बढ़ा दिया गया था। इसके बावजूद केंद्र और राज्य कर्मचारियों के डीए के बीच का अंतर 36 प्रतिशत का है।
जब पश्चिम बंगाल की वित्त राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य पिछले महीने राज्य के बजट को पेश कर रही थीं, तो उन्हें एक चिट दी गई थी जिसे पढ़ने के बाद ही उन्होंने तीन प्रतिशत डीए बढ़ाने की घोषणा की। तब भाजपा ने आरोप लगाया था कि उन्होंने नियमों का उल्लंघन किया, क्योंकि बजट दस्तावेज में इसका उल्लेख नहीं किया गया था।
उल्लेखनीय है कि डीए में बढ़ोतरी की मांग को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार के कर्मचारियों के एक वर्ग का धरना प्रदर्शन को 58 दिन हो चुके हैं। आंदोलनकारी राज्य कर्मचारियों की संचालन समिति के एक प्रवक्ता ने कहा कि वे केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों के बीच डीए के अंतर को पाटने की मांग को तेज करेंगे।
सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि केंद्र बकाया धनराशि जारी नहीं कर रहा है। हम आंदोलनरत कर्मचारियों से अनुरोध कर रहे हैं कि वे केंद्र की राजनीतिक मनसा को समझते हुए अपना आंदोलन वापस लें। इसके साथ ही राज्य की स्थिति को समझते हुए जल्द से जल्द काम पर लौट कर सेवाओं को सामान्य करें। अगर केंद्र राज्य को बकाया 1.18 लाख करोड़ रुपये जारी करता है तो पश्चिम बंगाल सरकार डीए बढ़ा सकती है।