कोलकाता : रविवार को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस से मुलाकात के बाद बकाया डीए की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे सरकारी कर्मचारियों ने स्पष्ट कर दिया कि अगर राज्य सरकार वार्ता नहीं करती है तो अनशन वापस नहीं लिया जाएगा।
राज्यपाल ने शनिवार को एक ट्वीट कर डीए आंदोलनकारियों को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने सभी पक्षों को बातचीत की मेज पर बैठने और इस मुद्दे को जल्द हल करने की सलाह दी। इसके बाद रविवार को सुबह करीब 11 बजे संयुक्त मंच के संयोजक के नेतृत्व में पांच सदस्य राजभवन पहुंचे। उन्होंने राज्यपाल के साथ बैठक भी की। एक घंटे के भीतर ही डीए कार्यकर्ताओं का प्रतिनिधिमंडल राजभवन से बाहर आ गया।
बाहर आने के बाद उन्होंने राजभवन के सामने पत्रकारों से बात की। सबसे पहले डीए कार्यकर्ताओं ने एक बार फिर राज्यपाल का आभार व्यक्त किया। मंच के सदस्यों ने भूख हड़ताल वापस लेने के संबंध में अपनी स्थिति स्पष्ट की। डीए आंदोलनकारी सरकार के साथ बैठक करना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि बैठक के बाद ही अनशन वापस ले लिया जाएगा। उन्होंने बैठक बुलाने में राज्यपाल के हस्तक्षेप की मांग की।
इसके अलावा 10 मार्च को डीए आंदोलनकारियों ने हड़ताल का आह्वान किया था। संयुक्त मंच के सदस्यों ने दावा किया कि हड़ताल समर्थक वर्तमान में राज्य सरकार की आंखों की किरकिरी हैं इसलिए उन्हें धमकियां मिल रही हैं। काम में शामिल होने में भी बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है। संयुक्त मंच के सदस्यों ने प्रदर्शनकारियों पर हो रहे हमले को रोकने के लिए राज्यपाल से हस्तक्षेप की मांग भी की। अब देखना यह होगा कि राज्य सरकार डीए की उलझन को दूर करने के लिए कोई कदम उठाती है या नहीं।