डेंगू के कारण हुई मौत, अस्पताल पर लगा मृत्यु प्रमाण पत्र में जानकारी छुपाने का आरोप

बारासात : डेंगू से पीड़ित होने के कारण महिला की मृत्यु होने के बावजूद मृत्यु प्रमाण पत्र में जानकारी छुपाने का आरोप मृतका के परिजनों ने अस्पताल पर लगाया है। घटना उत्तर 24 परगना जिले के बारासात अस्पताल की है। मृतका का नाम हमीदा बीबी है।

शनिवार को मृतका के परिजनों की ओर से बताया गया कि हमीदा बीबी देगंगा थाना अंतर्गत जादवपुर बोआलिया की रहने वाली थी। वह पिछले कुछ दिनों से बुखार से पीड़ित थी। चार नवंबर को एक निजी संस्थान में उनका रक्त परीक्षण किया गया जिसमें उन्हें डेंगू होने की पुष्टि हुई। इसके बाद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में उनका इलाज किया गया। हालत तेजी से बिगड़ने पर सात नवंबर को हमीदा बीवी को बारासात अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टरों ने उन्हें भर्ती करने की सलाह दी। बाद में परिजनों ने हमीदा बीबी को बारासात अस्पताल में भर्ती कराया। हालत बिगड़ने पर उन्हें सीसीयू में भर्ती कराया गया जहां शुक्रवार को उनका निधन हो गया लेकिन बारासात अस्पताल की ओर से जारी हमीदा बीवी के मृत्यु प्रमाण पत्र में मौत के कारण के रूप में डेंगू का उल्लेख नहीं किया गया है। मौत का कारण सेप्टिक शॉक, सेप्टीसीमिया के साथ डिस्लिपिडेमिया को बताया गया है। अब इस मामले को लेकर मृतका के परिजनों ने बारासात अस्पताल पर डेंगू से होने वाली मौत को छुपाने का आरोप लगाया है।

मरीज के रिश्तेदार ने कहा कि मृत्यु प्रमाण पत्र में डेंगू का उल्लेख नहीं होने पर इस संबंध में अधिकारी से पूछने गया था लेकिन मुझे अस्पताल अधिकारी ने शव लेकर घर जाने की बात कही। मैंने उनसे कहा कि मैं यह बात मीडिया को बताऊंगा तो उन्होंने मुझे भी मीडिया से बात करने से मना किया। वहीं मामले में अस्पताल प्रशासन की ओर से कोई स्पष्टीकरण नहीं दी दिया गया है।

विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर राज्य सरकार को आड़े हाथ लिया। भाजपा बारासात के संगठनात्मक जिलाध्यक्ष तापस मित्रा ने कहा कि यह राज्य सरकार बार-बार इस मुद्दे को लेकर मनमानी करती आई है। ऐसा ही कोरोना के दौरान किया गया। इस सरकार को जानकारी छुपाते हुए हमेशा देखा गया है। उन्होंने यह भी कहा कि डेंगू पहले ही महामारी का रूप ले चुका है। राज्य सरकार डेंगू पर काबू पाने में असमर्थ नजर आ रही है। यह सरकार लोगों की जिंदगी और मौत से खेल रही है।

वामपंथी नेता सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि कोरोना के दौरान भी ऐसा ही हुआ था। किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद भी सच्चाई का पता नहीं चलेगा कि उसकी मृत्यु किन कारणों से हुई क्योंकि इस राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हैं।

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