इतिहास के पन्नों में 26 दिसंबरः जब लाखों लोग समा गए समंदर की लहरों में

देश-दुनिया के इतिहास में 26 दिसंबर की तारीख तमाम वजह से दर्ज है। 2004 की यह तारीख याद आते ही लोग आज भी कांप उठते हैं। 26 दिसंबर 2004 को हिंद महासागर में आई सुनामी लहर ने भारत समेत दुनिया के कई देशों में भारी तबाही मचाई थी। हिंद महासागर में आए 9.1 की तीव्रता वाले भूकंप के बाद सुनामी की जिस तरह की लहरें उठीं, उनके बारे में कहा गया था कि ऐसी लहरें पिछले 40 साल में नहीं देखी गईं। ये लहरें 65 फीट ऊंची थीं।

अकेले भारत में सुनामी से कम से कम 12,405 लोगों की मौत हुई थी। इससे करीब 12 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। इसके अलावा 12 देशों को मिलाकर मरने वालों की तादाद 2 लाख से भी ऊपर थी। सबसे ज्यादा नुकसान इंडोनेशिया में हुआ था। यहां 1.28 लाख लोग मारे गए और 37 हजार से ज्यादा लोग लापता हो गए थे। उसके बाद श्रीलंका था, जहां 35 हजार से ज्यादा लोग या तो मारे गए थे या लापता हो गए।

ये चौथी प्राकृतिक आपदा थी, जिसमें सबसे ज्यादा जान गई थी। इससे पहले 1931 में चीन में आई बाढ़ में 10 लाख से ज्यादा लोग मारे गए थे। उसके बाद 1970 में बांग्लादेश में आए साइक्लोन ने तीन लाख जानें ली थीं। 1976 में चीन में ही एक भूकंप में 2.55 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।

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