मथुरा : श्रीकृष्ण विराजमान केस में महत्वपूर्ण फैसला आज दोपहर आ सकता है। रिवीजन के तौर पर करीब डेढ़ साल तक हुई सुनवाई के बाद जिला जज की कोर्ट में गुरुवार दोपहर इस वाद के स्वीकार करने और न करने पर फैसला होगा। जिला जज राजीव भारती की अदालत में होने वाले इस फैसले पर सभी की निगाहें लगी हैं।
उल्लेखनीय है कि एडवोकेट रंजना अग्निहोत्री ने भगवान श्रीकृष्ण की सखी के तौर पर एक केस सितंबर, 2020 में सिविल कोर्ट में दाखिल किया था। इस केस को सिविल कोर्ट ने खारिज कर दिया था। इसके बाद अक्टूबर में यह केस रिवीजन के लिए जिला जज की कोर्ट में दाखिल किया गया। इस पर करीब डेढ़ साल से सुनवाई चल रही है। एडवोकेट रंजना अग्निहोत्री, हरि शंकर जैन, विष्णु जैन सहित 6 लोगों की तरफ से दाखिल वाद में चार विपक्षी बनाए गए। इनमें सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, ट्रस्ट मस्जिद ईदगाह, श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट और श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा संस्थान शामिल हैं। कोर्ट ने रिवीजन की सुनवाई के दौरान चारों विपक्षी का पक्ष भी सुना।
रामलला विराजमान की तर्ज पर श्रीकृष्ण विराजमान की अंतरंग सखी के रूप में रंजना अग्निहोत्री ने वाद दाखिल किया। इस वाद पर रिवीजन के तौर पर अक्टूबर 2020 से 5 मई 2022 तक अलग-अलग तारीखों पर बहस हुई। 5 मई को बहस पूरी होने के बाद कोर्ट ने इसे स्वीकार करने या न करने को लेकर 19 मई की तारीख दी थी।
याचिका में कहा गया है कि कोर्ट की निगरानी में जन्मभूमि परिसर की खुदाई कराई जाए। याचिकाकर्ता ने कहा कि खुदाई की एक जांच रिपोर्ट पेश की जाए। इतना ही नहीं, यह भी दावा किया गया है कि जिस जगह पर मस्जिद बनाई गई थी, उसी जगह पर कारागार मौजूद है, जहां भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ । इस बारे में कई लोगों ने कोर्ट में याचिकाएं दायर की हैं।