कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सड़क किनारे फुटपाथ और अन्य सरकारी जमीनों पर कब्जे को हटाने के खिलाफ चल रहे अभियान को एक महीने तक रोक दिया है। इसके बावजूद शनिवार को बीरभूम जिले में प्रशासन ने अभियान चलाया है। इसे लेकर लोगों में नाराजगी है। वे सड़कों पर उतर गए हैं। बोलपुर के चित्रा मोड़ इलाके में शनिवार सुबह दुकानों को तोड़ा गया है। बोलपुर नगर पालिका ने बुलडोजर से कार्रवाई को अंजाम दिया है। इससे इलाके में आक्रोश फैल गया है। रामपुरहाट में भी निष्कासन अभियान का विरोध देखा गया है। शनिवार की सुबह से ही फुटपाथ पर बैठने वाले व्यवसायी अपने परिवार के साथ सड़कों पर उतर गए। यहां तक कि एक तृणमूल नेता भी उनके साथ नजर आये हैं। उन्होंने दावा किया कि वैकल्पिक व्यवस्था किए बिना उन्हें इलाके से बेदखल नहीं किया जा सकता। दरअसल नगरपालिका ने उन दुकानदारों से 24 घंटे के अंदर दुकान के वैध कागजात दिखाने को कहा था। आरोप है कि इसे कोई नहीं दिखा सका। इसके बाद दुकानों को तोड़ने का काम शुरू हुआ है।
रामपुरहाट नगरपालिका क्षेत्र में भी अतिक्रमण हटाओ अभियान चला है। इसलिए शनिवार सुबह से ही दुकानदार सड़कों पर उतर आए। उनकी पत्नियां, बच्चे, पिता, मां सभी उनके साथ हैं। उनका दावा है कि वे बुलडोजर बिल्कुल नहीं चलने देंगे। इसलिए वे किसी राजनीतिक दल की छत्रछाया में नहीं बल्कि अपनी रोजी-रोटी बचाने के लिए सभी एक साथ आये हैं। वहीं, इस बात को लेकर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है कि नवान्न से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अतिक्रमण अभियान पर रोक की घोषणा के बाद भी नगरपालिका से अतिक्रमण हटाने का अभियान क्यों नहीं रोका जा रहा है। प्रदर्शन में शामिल एक कारोबारी ने कहा, ””मुख्यमंत्री के अड़ियल फैसले के कारण हम सभी अपनी आजीविका बचाने के लिए सड़क पर हैं। नवान्न से मुख्यमंत्री ने कहा कि एक माह का समय दिया जायेगा लेकिन उनके अधिकारी यहां बुलडोजर चला रहे हैं। रात नौ बजे माइकिंग के बाद अगले दिन सुबह से ही दुकानों में तोड़फोड़ की जा रही है। हम किस पर विश्वास करें मुख्यमंत्री पर या उनके अधिकारी पर?”
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार ने भी रामपुरहाट में अवैध कब्जाधारियों को बेदखल कर दिया है। केंद्रीय एजेंसी ”नेशनल रोड अथॉरिटी” ने शुक्रवार को जिला पुलिस की मदद से बुलडोजर चलवाकर सरकारी जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने का काम शुरू किया था। पहले चरण में रामपुरहाट में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 14 के दोनों किनारों पर अवैध अस्थायी और स्थायी अतिक्रमण को हटाने का काम भी पूरा हो गया है। बीरभूम में इस अभियान के खिलाफ आंदोलन धीरे-धीरे जोर पकड़ रहा है।