कोलकाता : कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद राज्य फॉरेंसिक लैबोरेटरी में एक मादक पदार्थ की जांच के लिए मशीन खरीदने की व्यवस्था नहीं किए जाने की वजह से नाराज कोर्ट ने गृह सचिव बीपी गोपालिका को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया है। मंगलवार को न्यायमूर्ति जयमाल्य बागची के खंडपीठ ने निर्देश दिया कि आगामी 24 जनवरी को राज्य के गृह सचिव को कोर्ट में हाजिर होकर बताना होगा कि मेटाएंफेटामाइन नाम के उस मादक पदार्थ की जांच के लिए अभी तक व्यवस्था क्यों नहीं की गई?
इसके पहले सुनवाई में राज्य सरकार की ओर से बताया गया था कि इस मादक पदार्थ की जांच के लिए आवश्यक मशीन फॉरेंसिक लेबोरेटरी में नहीं है। तब अदालत ने इसके लिए वित्तीय आवंटन का आदेश दिया था और जांच पूरी करने के लिए समय सीमा भी तय कर दी थी लेकिन अभी तक ऐसा नहीं किया गया है। इसी को लेकर न्यायमूर्ति जयमाल्य बागची ने गृह सचिव को हाजिर होने को कहा है।
न्यायाधीश ने कहा कि राज्य सरकार की इस लापरवाही की वजह से एक अभियुक्त की जमानत लंबित पड़ी है, यह बिल्कुल भी विधिसम्मत नहीं है और घोर लापरवाही है। इसके पहले इसी मामले की सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने स्पष्ट कर दिया था कि मादक पदार्थों की जब्ती के मामले में वीडियोग्राफी जरूर होनी चाहिए।