कोलकाता : विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने नेताजी की जयंती के मौके पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की एक टिप्पणी की तीखी आलोचना की है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला बोलते हुए शुभेन्दु ने सवाल किया था कि क्या कंपार्टमेंटल मुख्यमंत्री ने एक ही प्रयास में इतिहास की परीक्षा पास की? या फिर वह स्वतंत्रता सेनानियों को एक काल्पनिक चरित्र समझती हैं? ”
दरअसल, रविवार को रेड रोड पर नेताजी की जयंती के मौके पर बोलते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि” मैं आपको मातंगिनी हाजरा की एक छोटी सी घटना बताती हूं। कांथी के तामलुक में एक सेतु है…दीघा के आसपास। सेतु का नाम पिछावनी है। क्या आप जानते हैं सेतु का नाम पिछावनी क्यों पड़ा? एक तरफ अंग्रेज फायरिंग कर रहे थे। गोलियां खाते-खाते वह लहूलुहान हो गयी थी, लेकिन माँ मातंगिनी अड़ी रहीं, पीछे नहीं हटीं। इसलिए स्थानीय भाषा में सेतु का नाम पिछावनी सेतु रखा गया है। हमें इन घटनाओं को याद रखना होगा।”
ममता बनर्जी के इस बयान को लेकर शुभेंदु अधिकारी ने रविवार को सोशल मीडिया पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि मातंगिनी हाजरा की मृत्यु 29 सितंबर, 1942 को बनपुकुर, तमलुक में हुई थी। तमलुक पुलिस थाने की ओर जुलूस का नेतृत्व करते समय उन्हें गोली मार दी गई। क्या कंपार्टमेंटल मुख्यमंत्री ने एक ही प्रयास में इतिहास की परीक्षा पास कर ली है? या फिर वह स्वतंत्रता सेनानियों को एक काल्पनिक चरित्र समझती हैं?। उन्होंने लिखा कि आपको इतिहास को विकृत करने का अधिकार किसने दिया? अपनी सुविधा के अनुसार तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने के लिए ममता बनर्जी को बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए।