कोलकाता : भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि मंत्री सुब्रत मुखर्जी बंगाल की राजनीति के एक तरह के आइकॉन थे। 75 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया फिर भी ऐसा लग रहा है कि वह बहुत जल्दी चले गए हैं। सुब्रत मुखर्जी व्यक्तिगत रूप से बहुतों के राजनीतिक अभिभावक थे।
शुक्रवार को यहां इको पार्क में सुबह की सैर पर निकले दिलीप घोष ने कहा कि मंत्री सुब्रत मुखर्जी 50-60 साल तक राजनीति में सक्रिय रहे। सामाजिक जीवन में सबके साथ उनके सामान्य संबंध थे। उन्होंने पार्टी या उम्र के बारे में नहीं सोचा। उन्होंने कई पुरानी बातें याद करते हुए कहा कि विधानसभा में मेरा और उनका सामना हुआ था। बिजनेस एडवायजरी कमेटी की बैठक में बैठकर एक साथ खाना खाते थे। इतने साल की उम्र में भी वह मिठाई बहुत खाते थे। विधानसभा में भी बेंच पर बैठकर काफी चर्चा होती थी, वह जिस तरह की मजाकिया बातें करते थे, सीधी-सादी, वह जितनी मजेदार थी, उतनी ही शिक्षा की बात भी थी। निःसंदेह ऐसे व्यक्ति के जाने से राजनीति में एक शून्यता सी आई है। घोष ने कहा कि राजनीति में उनके जैसे लोगों का जाना बहुत बड़ी क्षति है। आज मूल्यों और परंपराओं की राजनीति में बहुत बड़ा अंतर आ गया है। हमने हाल ही में कई नेताओं को खो दिया है। जिस पार्टी के वे नेता थे, उस पार्टी की जो क्षति है, निस्संदेह बंगाल की राजनीति के लिए एक बड़ी क्षति है। सुब्रत मुखर्जी के निधन पर राज्य सरकार ने आज सरकारी कार्यालयों में राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुकाकर शोक व्यक्त किया।