कोलकाता : भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने रविवार को बंगाल भाजपा की अंदरूनी कलह की स्थिति को स्वीकार करते हुए कहा कि पार्टी के अंदर थोड़ा डावाँडोल चल रहा था। उन्होंने कहा, ‘पार्टी में नए लोगों ने कार्यभार संभाला है। सभी को संगठित होने में समय लगा। फिर से पार्टी धीरे-धीरे लाइन में आ गई। जिस तरह से आंदोलन हुआ, उससे ममता बनर्जी सरकार को बैकफुट पर जाना पड़ा। स्वाभाविक रूप से पुराने कार्यकर्ताओं में उत्साह है, नए भी हैं। अब नए-पुराने सभी मिलकर काम करेंगे।’
इसके अलावा दिलीप घोष से पार्टी की दो दिवसीय बैठक के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि जिन्हें नई जिम्मेदारी दी गई है वे सब बैठक के लिए रुके हुए हैं। आंदोलन काफी बड़ा हो गया है। मैं पिछले कुछ महीनों से आंदोलन कर रहा हूं। क्या होगी नई रणनीति? दुर्गापूजा के बाद पार्टी कैसे आगे बढ़ेगी… सभी मामलों पर चर्चा की जाएगी।
दिलीप घोष ने राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने टीटागढ़ के स्कूल में हुए विस्फोट की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि यह कोई नई बात नहीं है। ऐसी है वहां की राजनीति। अपराधी राजनीति को नियंत्रित कर रहे हैं। बेरोजगार युवकों को बम और बंदूकें सौंपी जा रही हैं।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली में केंद्रीय नेतृत्व बंगाल भाजपा पर खास ध्यान दे रहा है। प्रदेश भाजपा के नवान्न अभियान की सफलता को देखते हुए एक फ़ैक्ट फ़ाइंडिंग केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल शनिवार को कोलकाता पहुंचा है। उन्होंने आसपास जाकर घायल नेताओं और कार्यकर्ताओं से बात की। दिल्ली से भाजपा महासचिव सुनील बंसल भी बंगाल भाजपा के नेताओं से चर्चा करने राज्य पहुंचे हैं। आगामी पंचायत चुनाव को देखते हुए भाजपा खेमा आंदोलन की राह मजबूत करने में लगा है।