कोलकाता : बांग्लादेश में छात्र आंदोलन को लेकर भाजपा नेता दिलीप घोष ने मुखर होकर ममता बनर्जी पर तीखा हमला किया है। घोष ने आरोप लगाया कि बांग्लादेश में अशांति फैलाने वाले ही पश्चिम बंगाल में चुनावों के बाद हिंसा फैला रहे हैं। इसके जवाब में तृणमूल प्रवक्ता शांतनु सेन ने घोष पर तीखे प्रहार करते हुए कहा कि यह धार्मिक ध्रुवीकरण की राजनीति करने का प्रयास है।
दिलीप घोष ने कहा कि बांग्लादेश में अराजकता का माहौल है। वही लोग जो बांग्लादेश में हिंसा फैला रहे हैं, वे ही पश्चिम बंगाल में चुनावों के बाद हिंसा कर रहे हैं। ममता बनर्जी इन लोगों के पक्ष में हैं, इसलिए वह इस बारे में कुछ नहीं बोल रही हैं।
शांतनु सेन ने दिलीप घोष के बयान का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि वह अपनी ही पार्टी में विश्वसनीयता खो चुके हैं। पार्टी उन्हें तवज्जो नहीं देती। अब वे धार्मिक ध्रुवीकरण की कोशिश कर रहे हैं।
दरअसल, बांग्लादेश में करीब दो महीने से कोटा आरक्षण को लेकर छात्र आंदोलन चल रहा है, जो बाद में ‘हसीना हटाओ’ आंदोलन में बदल गया। आंदोलनकारियों ने गणभवन में घुसकर जमकर उत्पात मचाया, जिसके चलते पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को केवल 45 मिनट में इस्तीफा देकर देश छोड़ना पड़ा। इसके बाद भी हिंसा का सिलसिला थमा नहीं है और बांग्लादेश में एक के बाद एक जानें जा रही हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि आंदोलन के नाम पर अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर अत्याचार हो रहा है।
इस स्थिति को देखते हुए दिलीप घोष ने अपनी प्रतिक्रिया दी और ममता बनर्जी को आड़े हाथों लिया। वहीं, तृणमूल कांग्रेस ने इसे भाजपा की धार्मिक ध्रुवीकरण की राजनीति का हिस्सा बताया।