शिक्षक उम्मीदवारों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई को दिलीप घोष ने लोकतंत्र पर आघात करार दिया

Dilip Ghosh

कोलकाता : भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने साल्टलेक में गत रात शिक्षक अभ्यर्थियों के खिलाफ पुलिस के बल प्रयोग की कड़ी आलोचना करते हुए इसे लोकतंत्र पर आघात करार दिया है। शुक्रवार को उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र का माहौल खत्म हो गया है।

दरअसल गुरुवार की रात दो बजे साल्टलेक में दस नंबर टैंक के पास वर्ष 2017 के शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण उम्मीदवारों पर पुलिस ने बल प्रयोग किया और उन्हें घसीटते हुए पुलिस वैन तक ले जाया गया। रात में ही प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने धर्मतला बस टर्मिनस, सियालदह स्टेशन और हावड़ा स्टेशन ले जाकर छोड़ दिया।

इस संदर्भ में दिलीप घोष ने कहा कि यह सरकार काम नहीं करेगी और हमें इसका विरोध नहीं करने देगी। जब हम सड़कों पर आते हैं तो पुलिस तुरंत आती है। पुलिस आंदोलनकारियों को घसीटते हुए हटाती है। डंडों से पीटा जाता है। जिन्होंने परीक्षा पास की है वे अपने हक की नौकरी के लिए भूख हड़ताल पर हैं। उन्होंने तीन दिनों से कुछ नहीं खाया। रात में, पुलिस ने उन्हें बेरहमी से वहां से खदेड़ दिया। यह सरकार एक तरफ तो खुद लोकतंत्र की बात करती है और दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र को खत्म कर दिया गया है।

उधर, विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने ट्वीट कर घटना की कड़ी निंदा की। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘पश्चिम बंगाल की मौजूदा स्थिति चिंताजनक है। साल्टलेक स्थित प्राथमिक शिक्षा बोर्ड कार्यालय के सामने ममता बनर्जी की पुलिस बल ने टीईटी पास करने वालों को बेरहमी से हटाया। ऐसा लग रहा है जैसे कि पश्चिम बंगाल में हिटलर का राज चल रहा है।’

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