कोलकाता : शिक्षक भर्ती भ्रष्टाचार के विरोध में वाम मोर्चा के मुखर होने को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने तंज किया है। शनिवार की सुबह ईको पार्क में प्रभात भ्रमण के दौरान मीडिया से बातचीत में दिलीप घोष ने कहा कि शुरुआत से ही विरोध करने के मामले में सीपीएम का रिकॉर्ड अच्छा रहा है। लेकिन वे न तो सरकार चला सकते हैं और ना ही विकास कर सकते हैं। यही वजह है कि लोगों ने उन्हें सत्ता से बेदखल कर दिया। अब वे विरोध कर रहे हैं लेकिन उनका विरोध देख देख कर बंगाल के लोग यह समझ गए हैं कि सीपीएम सिर्फ विरोध करने के मामले में ही अच्छी है। इसलिए पश्चिम बंगाल के लोग उन सभी पार्टियों का विरोध कर रहे हैं जिन्होंने अमानवीय व्यवहार किया है और उनके अधिकारों को कुचला है।
राजनीतिक गलियारों में दिलीप घोष के बयान की चर्चा पहले ही शुरू हो चुकी है। राजनीतिक विशेषज्ञों के मुताबिक मिदनापुर के सांसद ने वाम दलों की तारीफ करते हुए अपनी ही पार्टी भाजपा को एक संदेश दिया है क्योंकि गुरुवार की आधी रात को पुलिस की छापेमारी के बाद शुक्रवार को पूरे दिन भाजपा उम्मीद के मुताबिक नहीं दिखी। शुक्रवार को भाजपा के शीर्ष नेता भी सामने नहीं आए। केवल सौ लोगों को साथ लेकर भाजपा विधायक अग्निमित्रा पॉल ने एक जुलूस निकला लेकिन दूसरी ओर, डीवाईएफआई की राज्य सचिव मीनाक्षी मुखर्जी के साथ वामपंथी छात्र युवा नेताओं का विरोध प्रदर्शन दिन भर सुर्खियों में रहा। वामपंथी वरिष्ठ नेताओं ने भी इस घटना के विरोध में शनिवार की दोपहर कोलकाता में जुलूस निकालने का ऐलान किया है।