कोलकाता : भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और सांसद दिलीप घोष ने एक बार फिर राज्य की सत्तापक्ष पार्टी तृणमूल कांग्रेस को आड़े हाथों लिया। सोमवार को इको पार्क में प्रातः भ्रमण के लिए निकले दिलीप घोष ने कटाक्ष करते हुए कहा कि मवेशी तस्करी मामले में गिरफ्तार बीरभूम के बाहुबली नेता अनुब्रत मंडल को पार्टी से छांटने में तृणमूल कांग्रेस को पूरे सात महीने का समय लग गया। उनका दावा है कि अनुब्रत को किनारा लगाने में इतना वक्त इसलिए लगा क्योंकि उनके पास रुपयों की संख्या कुछ ज्यादा ही अधिक थी।
घोष ने कहा कि पार्थ को पार्टी से अलग करने में सात दिन लगे थे, लेकिन अनुब्रत मंडल से छुटकारा पाने में सात महीने लग गए क्योंकि एक के पास 350 करोड़ हैं और दूसरे के पास 550 करोड़। जो इस समूह को जितना अधिक पैसा देता है, उतना ही महत्वपूर्ण होता है। बाघ पिंजरे में कैद हो गया है। अब लोमड़ियाँ पकड़ी जा रही हैं। ये सभी दस प्रतिशत वाले लोग हैं। जिन लोगों ने अस्सी-नब्बे प्रतिशत लिया है, जब तक वे पकड़े नहीं जाते तब तक भ्रष्टाचार के जड़ तक पहुंचा नहीं जा सकेगा। अभी और भी कई सुराग मिलने बाकी हैं।
अनुब्रत मंडल की अनुपस्थिति में बीरभूम में पंचायत चुनाव में तृणमूल की जीत के संदर्भ में दिलीप घोष ने कहा कि अनुब्रत एक बायप्रोडक्ट हैं। यह सिस्टम प्रत्येक जिले में चल रहा है। अनुब्रत को लाइमलाइट अधिक मिली थी। ऐसे छोटे-छोटे अनुब्रत को खोज कर बाहर निकालना ही सीबीआई का काम है।
मेदिनीपुर से भाजपा सांसद ने दीदी के दूत बनकर गांवों में गए जनप्रतिनिधियों को बांध कर रखने की बात कही। उन्होंने कहा कि काम नहीं करने पर लोगों को जवाब देना होगा। जनता अब जागरूक है इसलिए वह सवाल भी करती है। इसलिए मैं कहता हूं कि ऐसे लोगों से बांधकर रखना चाहिए, इन्हें पानी तक नहीं दिया जाना चाहिए।