कोलकाता : राज्य चुनाव आयोग ने मतदान तिथि की घोषणा कर दी है। शनिवार को नामांकन पत्र दाखिल करने को लेकर जिलेभर में मारपीट की खबरें सामने आई। इसको देखते हुए विपक्षी दलों ने का दावा किया है कि राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी उन्हें नामांकन पत्र जमा करने से रोक रही है। जबकि तृणमूल कांग्रेस ने इस आरोप से इनकार किया है। रविवार को भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने चेतावनी दी कि सोमवार से और अशांति बढ़ेगी। इस पर तृणमूल ने पलटवार करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी पंचायत चुनाव से पहले राज्य में अशांति पैदा करने की कोशिश कर रही है।
दिलीप घोष ने रविवार सुबह ईको पार्क में प्रातः भ्रमण करने के बाद कहा कि अभी तक नामांकन पत्र दाखिल करने का काम तेजी से शुरू नहीं हुआ है। आधे से ज्यादा सीटों के लिए भाजपा ने जितना हो सका, किया है। हालांकि सोमवार से भारी हंगामा होगा। पुलिस के पास रोकने की ताकत नहीं है। पांव में चप्पल और हाथों में डंडे लेकर नहीं रोक पाएंगे। ममता बनर्जी बड़ा हंगामा चाहती हैं, उसी बीच वे लोग जीतेंगे।
नामांकन पत्र जमा करने को लेकर मुर्शिदाबाद, कटवा, आसनसोल समेत कई जगहों पर हिंसा की खबरें सामने आई हैं। मुर्शिदाबाद जिले के डोमकल में तृणमूल नेता के पास से आग्नेयास्त्र भी जब्त किए गए। दिलीप ने इसे लेकर राज्य प्रशासन पर कटाक्ष किया। उनके मुताबिक, “डोमकल एक सीमावर्ती इलाका है। कुछ साल पहले मैं पुनर्मतदान के लिए प्रचार करने गया था। चुनाव प्रचार हुआ है। लेकिन किसी को वोट डालने नहीं दिया गया। मतदान कराने पहुंचे आईपीएस नजरूल इस्लाम पर भी हमला किया गया। नतीजतन, कानून और व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है। सबकुछ बलपूर्वक किया जाता है।
शनिवार को हुई तोडफ़ोड़ में राजनीतिक दलों के बीच झड़प के अलावा सरकारी अधिकारियों पर भी हमला किया गया। उसका ‘अपराध’ यह था कि उन्होंने आईएसएफ कर्मियों को नामांकन फॉर्म दाखिल करने दिया था। दिलीप घोष ने इस बारे में कहा कि पहले से ही हर दिन झगड़े होते हैं। रोजाना बमबारी होती हैं। वहां भी हुआ। जिले के सभी नेता असामाजिक हैं। वहां 10 साल 12 साल पहले ही माकपा का शासन था। तब से सब कुछ असामाजिक हो गया है। नतीजतन, वहां और कुछ भी उम्मीद नहीं की जा सकती है। हालांकि तृणमूल कांग्रेस ने दिलीप घोष के सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है।