प्रदर्शन और तोड़फोड़ के बीच फिर संदेशखाली पहुंचे पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कुमार शुक्रवार को फिर से उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली पहुंचे और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिलाया। इससे पहले शुक्रवार सुबह संदेशखाली के कुछ हिस्सों में नये सिरे से विरोध प्रदर्शन हुए। नाराज स्थानीय लोगों ने इलाके में जबरन जमीन हड़पने एवं महिलाओं का यौन शोषण करने के आरोपित तृणमूल कांग्रेस नेताओं की संपत्तियों में आग लगा दी। तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय नेताओं के घरों में भी भीड़ ने तोड़फोड़ की।

लाठियों से लैस प्रदर्शनकारियों ने संदेशखाली के बेलमाजुर इलाके में मछली पकड़ने के एक यार्ड के पास छप्पर वाले ढांचे को आग लगा दी और फरार तृणमूल नेता शाहजहां शेख एवं उनके भाई सिराज के खिलाफ अपना रोष प्रकट किया। पता चला है कि जलाया गया ढांचा सिराज का था। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘‘पुलिस ने वर्षों तक कुछ नहीं किया। यही कारण है कि हम अपनी जमीन और सम्मान वापस पाने के लिए सब कुछ कर रहे हैं।’’

बाद में पुलिस इलाके में दाखिल हुई और उसने प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की। दोपहर को डीजीपी राजीव कुमार अशांत क्षेत्र में पहुंचे और स्थानीय लोगों से बात की। कुमार ने स्थानीय लोगों से कहा, “आप अपनी शिकायत दर्ज कराएं। हम कार्रवाई करेंगे। हम यहां पुलिस कैंप स्थापित करेंगे। लेकिन मैं आप सभी से अनुरोध करूंगा कि कृपया कानून अपने हाथ में न लें।”

संवाददाताओं से बात करते हुए कुमार ने कहा, “पुलिस कड़ी कार्रवाई करेगी। हम क्षेत्र में कानून का राज स्थापित करेंगे।” डीजीपी ने कहा कि कानून हाथ में लेने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि पुलिस और प्रशासन ने ग्रामीणों की हड़पी गई जमीन वापस करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इससे पहले डीजीपी ने बुधवार को संदेशखाली का दौरा किया था और वहां पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की थी। गुरुवार को कोलकाता लौटने से पहले वह रात भर वहीं रुके थे।

उल्लेखनीय है कि संदेशखाली में स्थानीय महिलाओं ने शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर जबरदस्ती जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है जिसके बाद से यह इलाका सुर्खियों में है। गत पांच जनवरी को तृणमूल नेता शेख शाहजहां के आवास पर छापेमारी करने पहुंची प्रवर्तन निदेशालय की टीम पर भीड़ नेहमला कर दिया था। उसी दिन से यह इलाका अशांत चल रहा है।

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