तृणमूल के विधायकों की गैरहाजिरी पर सख्त अनुशासन समिति, स्पीकर से मांगी अवकाश आवेदनों की जानकारी

कोलकाता : पश्चिम बंगाल विधानसभा में तृणमूल कांग्रेस के विधायकों द्वारा बजट सत्र के दौरान पार्टी व्हिप की अनदेखी करने के मामले की जांच कर रही तृणमूल की अनुशासन समिति ने विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय से गैरहाजिर विधायकों के अवकाश आवेदनों का ब्योरा मांगा है।

राज्य मंत्रिमंडल के एक सूत्र ने बताया कि सोमवार को अनुशासन समिति की पहली बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि स्पीकर के कार्यालय से उन विधायकों के आवेदन प्राप्त किए जाएंगे, जिन्होंने बजट सत्र के अंतिम दो दिनों—19 और 20 मार्च को अनुपस्थित रहने की वजह बताई थी।

सूत्रों के अनुसार, इन दो दिनों के लिए 100 प्रतिशत उपस्थिति का व्हिप जारी किया गया था। 19 मार्च को लगभग सभी विधायक उपस्थित थे, लेकिन 20 मार्च को 50 से अधिक विधायक गैरहाजिर रहे। उन्होंने कहा कि पार्टी व्हिप की अवहेलना करना एक गंभीर अनुशासनहीनता है, जो विधायक की सदस्यता समाप्त होने का कारण भी बन सकता है, जब तक कि अनुपस्थिति के लिए पूर्व में अवकाश स्वीकृत न कराया गया हो या कोई वैध कारण न दिया गया हो।

तृणमूल के अनुशासन समिति के अध्यक्ष और राज्य के संसदीय कार्य मंत्री शोभनदेव चटर्जी ने इस मामले की पुष्टि की। उन्होंने मंगलवार को कहा कि विधायक पार्टी व्हिप की अनदेखी नहीं कर सकते। जब हमें स्पीकर कार्यालय से आवश्यक जानकारी मिल जाएगी, तब आगे की कार्रवाई पर निर्णय लिया जाएगा।

अनुशासन समिति की अगली बैठक 29 मार्च को होगी, जिसमें शोभनदेव चटर्जी अध्यक्षता करेंगे। बैठक में तृणमूल के मुख्य सचेतक निर्मल घोष, राज्य वित्त राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) चंद्रिमा भट्टाचार्य, नगर विकास मंत्री फिरहाद हकिम और बिजली मंत्री अरूप विश्वास भी शामिल होंगे।

गौरतलब है कि पिछले सप्ताह मुर्शिदाबाद जिले के भागलपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक को नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में अनुशासन समिति के समक्ष पेश होना पड़ा था। हालांकि, तब समिति ने उनके खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं की थी और केवल भविष्य में ऐसे बयान देने से बचने की चेतावनी देकर छोड़ दिया था।

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