West Bengal : हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने जस्टिस गांगुली के आदेश पर एक सप्ताह की रोक लगाई

कोलकाता : कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने हावड़ा के लिलुआ में एक अवैध निर्माण के विध्वंस पर अंतरिम रोक लगा दी। जस्टिस अभिजीत गांगुली ने ढांचा गिराने का आदेश दिया था। उस आदेश के खिलाफ डिवीजन बेंच के समक्ष अपील दायर की गई थी। न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मंगलवार को आदेश पर एक सप्ताह के लिए रोक लगा दी।

कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने मंगलवार को कहा कि बाली नगर पालिका को निर्माण के प्रमोटरों, उसके निवासियों और फ्लैट मालिकों सहित सभी पक्षों के बयान सुनने चाहिए। सभी पक्षों के बयान सुनने के बाद नगर निगम अधिकारी दोबारा वहां का दौरा करेंगे। इसके बाद नगर पालिका की ओर से प्रशासनिक स्थिति तय की जाएगी। उससे पहले निर्माण नहीं तोड़ा जा सकता।

इससे पहले 23 नवंबर को जस्टिस गांगुली ने इसी संबंधित मामले में निर्माण गिराने का आदेश दिया था। न्यायाधीश ने लिलुआ में 295 वर्ग मीटर के अवैध निर्माण को 29 नवंबर तक ध्वस्त करने का आदेश देते हुए कहा था कि विध्वंस में बाधा डालने वाले को लिलुआ थाने की पुलिस गिरफ्तार करेगी।

Advertisement
Advertisement

जज ने अवैध निर्माण से कोई समझौता नहीं करने का संदेश देते हुए साफ कर दिया कि अगर उनका घर भी अवैध है तो उसे गिराना होगा। हालांकि खंडपीठ ने इस आदेश पर रोक लगा दी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *