कोलकाता : कोलकाता पुलिस मुख्यालय लालबाजार के पास डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन मंगलवार को भी जारी है। सोमवार दोपहर शुरू हुआ यह प्रदर्शन मंगलवार सुबह 11:00 बजे खबर लिखे जाने तक जारी है। डॉक्टरों ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक उन्हें बीबी गांगुली स्ट्रीट और बेंटिकन स्ट्रीट के क्रासिंग तक जाने की अनुमति नहीं मिलेगी तब तक वह अपने प्रतिनिधि लालबाजार नहीं भेजेंगे।
दूसरी तरफ पुलिस नौ फीट ऊंची लोहे की बैरिकेडिंग कर वहीं डटी हुई है और साफ कर चुकी है कि डॉक्टरों को यहीं से अपना प्रतिनिधि भेजना होगा। जूनियर डॉक्टरों की मांग है कि विनीत गोयल तत्काल अपने पद से इस्तीफा दें। पुलिस और प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। विरोध कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे प्रदर्शन जारी रखेंगे, जबकि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए कड़ी व्यवस्था कर रखी है।
रविवार को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में एक महिला डॉक्टर की संदिग्ध स्थिति में मौत के बाद से डॉक्टरों में आक्रोश है। इस घटना के बाद सोमवार से ही डॉक्टरों ने लालबाजार के पास विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था। सोमवार रात पुलिस ने आंदोलनकारी डॉक्टरों को रोकने के लिए जगह-जगह बैरिकेडिंग कर दी थी। हालांकि, पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल सोमवार रात को प्रदर्शन स्थल पर नहीं पहुंचे थे, जिससे डॉक्टरों में नाराजगी है। मंगलवार सुबह करीब 10 बजे पुलिस कमिश्नर लालबाजार पहुंचे, लेकिन उन्होंने प्रदर्शनकारियों से मुलाकात नहीं की।
पुलिस कर्मी बैरिकेड्स पर अड़े
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सोमवार रात पुलिस ने उन्हें मिलने के लिए 20 प्रतिनिधियों का समूह भेजने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन उन्होंने पुलिस कमिश्नर से खुद मिलने की मांग की। डॉक्टरों ने कहा कि प्रशासन ने उनकी मांग को स्वीकार नहीं किया और बैरिकेड्स के बीच उन्हें रोका जा रहा है।” मंगलवार को दूसरे दिन भी विरोध तेज होता दिख रहा है। आंदोलनकारी डॉक्टरों के समर्थन में कई अन्य छात्रों और संगठनों ने भी शामिल होकर रातभर प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन स्थल पर डॉक्टर धूप के बीच छाते और तिरपाल का सहारा लेकर बैठे हुए हैं। डॉक्टरों का कहना है कि जब तक पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल उनसे मिलने नहीं आते या बैरिकेड्स हटाकर उन्हें लालबाजार की ओर बढ़ने नहीं दिया जाता, तब तक वे अपने आंदोलन को जारी रखेंगे। प्रदर्शन में महिला डॉक्टर भी शामिल हैं। आंदोलनकारी डॉक्टरों के समर्थन में पहुंचे छात्रों ने भी प्रशासन की सख्ती पर सवाल उठाए हैं।