जयपुर/कोलकाता : नए रिश्तों की शुरुआत के लिए इस बार नया साल 2023 भी खास रहेगा। वर्ष 2022 में जहां शादी-विवाह के करीब 30 मुहूर्त (सावे) ही थे, तो वर्ष 2023 में 10 अबूझ सावों सहित कुल 57 सावे रहेंगे। इनमें एकल विवाह के साथ ही विभिन्न समाजों तथा संगठनों की ओर से सामूहिक विवाह सम्मेलनों का आयोजन किया जाएगा। इनमें भी सबसे ज्यादा 15 सावे मई में रहेंगे।
नए साल में अबूझ सावों में बसंत पंचमी 25 जनवरी, फुलेरा दोज 21 फरवरी, रामनवमी 30 मार्च, अक्षय तृतीया 22 अप्रैल, जानकी नवमी 29 अप्रैल, पीपल पूर्णिमा 5 मई, गंगा दशमी 30 मई, भड़ल्या नवमी 27 जून को शादी-विवाह हो सकेंगे। नए साल में मार्च में सबसे कम शादियां होंगी। इस साल जनवरी में 15, 26, 27, 30 व 31 जनवरी, फरवरी में 6, 7, 9, 10, 15, 16, 17 व 22 फरवरी, मार्च में 8 तथा 9 मार्च, मई में 2, 3,10, 11, 12, 13, 16, 21, 22, 26, 27, 28, 29 व 31 मई, जून में 1, 3, 5, 6, 7, 8, 11, 12, 13, 22 व 23 जून, नवंबर में 27, 28 तथा 29 नवंबर, दिसंबर में 7, 8 व 15 दिसंबर को विवाह के मुहूर्त हैं।
वर्ष 2023 में 29 जून को देवशयनी एकादशी के अबूझ सावे पर विवाह समारोह पर रोक लग जाएगी। अधिकमास (18 जुलाई-16 अगस्त) और चातुर्मास (29 जून से 23 नवंबर) के बाद देवउठनी एकादशी के अबूझ सावे (23 नवंबर) के साथ पुन: शादी सहित अन्य मांगलिक कार्य शुरू होंगे। ज्योतिषाचार्यों का कहना हैं कि ग्रहों के योग बनने और शुक्र का तारा इस बार चातुर्मास में अस्त होने के कारण नए वर्ष में सावे अधिक रहेंगे। वहीं, विवाह शुद्धि के लिए दस दोषों का विचार किया जाता है। उसमें क्रूर ग्रहों की युति और वेध कम लगने के कारण भी विवाह अधिक होंगे।
जयपुर होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष गजेंद्र लुनिवाल का कहना हैं कि 20-30 प्रतिशत शादियां होटल-रिसॉर्ट में हो रही हैं। डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए भी राजस्थान सबसे ज्यादा डिमांड में है। अनुमान है कि नए साल में सावे ज्यादा होने से प्रदेश में होटल-रिसॉट्र्स को 10 हजार करोड़ का कारोबार मिलेगा। राजस्थान टेंट डीलर्स किराया समिति के अध्यक्ष रासबिहारी शर्मा का कहना हैं कि नए साल में सावे लगभग दोगुने होने से शादियों का कारोबार राजस्थान में 50 हजार करोड़ से ज्यादा व देशभर में 5 लाख करोड़ के पार होने का अनुमान है। इससे शादी व्यवसाय से जुड़े व्यवसायी-कामगारों को ज्यादा रोजगार मिलेगा।